
New Delhi : दिल्ली के राऊज एवेन्यू अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की सुनवई टाल दी गई है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को करने का आदेश दिया है। बता दें कि ईडी ने 6 सितंबर को नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अदालत की ओर से मांगे गए 2 दस्तावेज दाखिल किए थे। अदालत ने दोनों दस्तावेजों को सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत प्रस्तावित आरोपियों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया था। बता दें कि ईडी ने सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से 4 जुलाई 2014 को ईडी के पास एक शिकायत दायर की थी, जिसके बाद 30 जून 2021 को एक दस्तावेज की प्रति दाखिल किया था, जिन्हें अदालत ने रिकॉर्ड में लेते हुए इन दस्तावेजों को सभी आरोपियों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।
मामले में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि जिन लोगों ने कांग्रेस को दान दिया था, उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। ईडी ने कहा कि दान देने वाले लोगों को उनमें से कुछ को टिकट दिए गए, साथ ही राजू ने गांधी परिवार की उस दलील का विरोध किया है कि एसोसिएटेड जरनल लिमिटेड (एजेएल) पर उनका कोई नियंत्रण नहीं था, उन्होंने कहा कि एजेएल ही मूल रुप से नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक थी। इस मामले में राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने कहा था कि कांग्रेस ने एजेएल को बेचने की कोशिश नहीं की थी, बल्कि वो इस संस्था को बचाना चाहती थी, क्योंकि वो स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा थी। वकील चीमा ने कहा था कि ईडी एजेएल का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन क्यों नहीं दिखा रही है। एजेएल की स्थापना जवाहर लाल नेहरू, जेबी कृपलानी, रफी अहमद किदवई और दूसरे कांग्रेस नेताओं ने 1937 में की थी। वकील ने कहा था कि एजेएल के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन में कहा गया है कि उसकी सभी नीतियां कांग्रेस की होंगी। सोनिया गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने एक आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित मामला बनाया था, उन्होंने कहा था कि ईडी ने आश्चर्यजनक से भी ज्यादा मामला बनाया है, ये मनी लाऊंड्रिंग का ऐसा मामला है, जिसमें संपत्ति का कोई जिक्र नहीं है।
वकील सिंघवी ने कहा था कि यंग इंडियन ने पूरी कार्रवाई एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड को कर्ज मुक्त करने के लिए किया था, उन्होंने कहा कि हर कंपनी अपने को कर्ज मुक्त करने के लिए कानून के मुताबिक कदम उठाती है। वकील ने कहा था कि ईडी ने सालों तक कुछ नहीं किया था, साथ ही किसी निजी शिकायत को आधार बनाकर कार्रवाई शुरु की। अदालत ने 2 मई को इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत 7 आरोपियों को नोटिस जारी किया गया था। ईडी ने 15 अप्रैल को अदालत में अभियोजन शिकायत दाखिल की गई थी। ईडी ने इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया गया था। ईडी ने मनी लाऊंड्रिंग कानून के तहत शिकायत दाखिल की है।















