
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस अभियान में दो कुख्यात वाहन चोर और दो चोरी की गाड़ियों के खरीददारों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके कब्जे से दिल्ली और कोलकाता से चार लग्ज़री गाड़ियां बरामद की हैं। गिरफ्तार सभी आरोपित पहले से 45 से अधिक मामलों में शामिल रह चुके हैं।
क्राइम ब्रांच की डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर आरोपित अभिषेक उर्फ सत्यम बाजपेयी को शाहदरा के रोहताश नगर क्षेत्र से दबोचा गया। पूछताछ में उसने एक मारुति बलेनो कार की चोरी की बात कबूली, जो वसंत कुंज से चोरी हुई थी। इसके बाद कोर्ट से पुलिस रिमांड प्राप्त कर सख्ती से पूछताछ की गई।
रिमांड के दौरान उसकी निशानदेही पर सेल्टॉस कार (मौर्य एनक्लेव), मारुति स्विफ्ट (मोती नगर) और कोलकाता से होंडा डब्लूआरवी कार भी बरामद की गई। इस कड़ी में आरोपित इरफ़ान उर्फ पिंटू, जानी उर्फ तानी, और कोलकाता से नौशाद उर्फ राजू को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि अभिषेक का पिता दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों की खरीद-फरोख्त का काम करता था। जहां उसकी मुलाकात जानी से हुई। दोनों ने मिलकर कार चोरी शुरू की।
इरफान चोरी की गाड़ियां खरीदता था और उन्हें नौशाद को कोलकाता भेजता था। गिरोह एक गाड़ी बेचने पर 80,000 से 1,00,000 कमाता था। आरोपित चोरी के लिए कोडिंग टैब और नकली चाबियों का इस्तेमाल करते थे।
डीसीपी के अनुसार
जांच में पता चला है कि पकड़ा गया
अभिषेक उर्फ सत्यम (23) उप्र का रहने वाला है। वह 12वीं तक पढ़ा। वह 20 से अधिक मामलों में शामिल रहा है। वह उप्र गैंगस्टर एक्ट के तहत वांछित है।
इरफ़ान उर्फ पिंटू (35) 5 मामलों में शामिल है। इसी क्रम में
जानी उर्फ तानी (45) 15 मामलों में शामिल रहा है। वहीं
नौशाद उर्फ राजू (51) पहले बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम करता था। अब गाड़ियों की फाइनेंसिंग व चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त में लिप्त था।
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