नई दिल्ली : बढ़ते प्रदूषण पर सरकार सख्त, औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों पर कार्रवाई

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्यवाही की प्रकिया की शुरू कर दी है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो के माध्यम से जानकारी साझा की है।

पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा है कि (ग्रेप-आईवी) के नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार द्वारा सर्च का अभियान निरंतर जारी है। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ दिल्ली सरकार की (जीरो टॉलरेंस) नीति है। बता दें कि पिछले दिनों में औद्योगिक इलाकों में रीडेवलपमेंट क्लस्टर्स और नॉन-कनफ़ॉर्मिंग क्षेत्रों सहित कुल औद्योगिक क्षेत्रों में 3,052 निरीक्षण किए गए, जिनमें नियमों का उल्लंघन करने वाली 612 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई कर
सील किया गया है।

पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जुर्माना लगाने की प्रकिया भी पूरी की जाएगी। सभी उद्योग मालिकों से अपील की गई है कि नियमों का पालन करें, क्योंकि हम सबकी सतर्कता ही शहर की हवा को साफ और आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित करेगी, पर्यावरण मंत्री ने कहा कि (ग्रेप-आईवी) लागू होने के बावजूद कुछ इंडस्ट्रीज और निर्माण साइट्स नियमों की अनदेखी कर रही हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि (ग्रेप-आईवी) के दौरान शहर में कहीं भी कोई निर्माण गतिविधि मिली है, तो उन्हें तुरंत सीलिंग कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

विभागीय अधिकारियों की टीमें मैदान में उतर चुकी हैं। लापरवाही पर स्थानीय अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी। बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से प्रदूषण के कारणों पर रोक लगाने के लिए वाहनों के खिलाफ भी चालान की कार्रवाई की जा रही है।

सरकार ने वाहन प्रदूषण पर भी सख़्त रुख अपनाया है। बीते तीन दिनों में पूरे शहर में चलाए गए विशेष अभियानों के दौरान एक लाख से अधिक पीयूसीसी सर्टिफिकेट जारी किए गए, दिल्ली यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और एएनपीआर तकनीक से लैस टीमों ने मिलकर बिना वैध पीयूसीसी और ग्रेप के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर कार्रवाई की है। इन तीन दिनों में 16,000 से ज़्यादा वाहनों की जांच की गई है। साथ ही 12,000 से अधिक चालान भी काटे गए हैं। ग्रेप-आईवी के तहत 1,492 प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को वापस भेजा गया।

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