
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गृह मंत्री आशीष सूद ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को यहां दिल्ली फायर सर्विस मुख्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अग्निशमन उपकरणों की क्षमताओं को परखने के साथ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार फायर सर्विस पूर्ण रूप से अपडेट रखने के लिए प्रतिबद्ध है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया है। सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने चार मशीनें खरीदी हैं, जिनसे काफी ऊंचाई पर लगी आग पर काबू पाया जा सकता है। इन मशीनों को 12 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 86 फायर स्टेशन हैं, जिनमें 3 हजार से अधिक दमकल कर्मी हैं। पिछले साल 36 हजार से अधिक आग लगने की घटनाएं सामने आईं। दमकलकर्मियों ने अपनी मेहनत से इन घटनाओं पर काबू किया।
मंत्री आशीष सूद ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पहली बार सरकार ने अपने बजट में फायर सर्विस जैसे छोटे विभाग का जिक्र किया है। बजट में प्रावधान किया है कि दिल्ली के बढ़ते इलाकों में आग लगने की घटनाओं को काबू करने के लिए 100 जगहों पर छोटी दमकल की गाड़ियां तैनात की जाएंगी। पिछली सरकारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। निरीक्षण के दौरान दमकलकर्मियों ने नए खरीदे गए आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपकरणों का प्रदर्शन भी किया। इसमें दिल्ली फायर सर्विस का मिनी रोबोट, आर्टिकुलेटिंग वॉटर टॉवर, 32-मीटर टर्नटेबल सीढ़ी (टीटीएल) का मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गृह मंत्री आशीष सूद ने निरीक्षण करते हुए उनकी क्षमताओं की जानकारी ली।
मिनी रोबोट आग बुझाने और बचाव कार्यों में मदद के लिए उपयोग किए जाते हैं। यह रोबोट आग बुझाने के लिए पानी का उपयोग कर सकता है और खतरनाक क्षेत्रों में बचाव कार्य कर सकता है। यह रोबोट आग के खतरे वाले क्षेत्रों में पहुंचने और बुझाने के लिए दमकल कर्मियों को खतरे से बचाता है।
आर्टिकुलेटिंग वॉटर टॉवर एक प्रकार का अग्निशमन वाहन है, जो आग बुझाने और राहत कार्यों में मदद करता है। इसमें एक यांत्रिक भुजा होती है, जो विभिन्न कोणों पर घूम सकती है, जिससे आग पर पानी डालना या फंसे हुए लोगों को बचाना आसान हो जाता है।
टर्नटेबल सीढ़ी 32 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकती है। यह विशेष रूप से ऊंची इमारतों में आग लगने की स्थिति में अग्निशमन कर्मियों को सुरक्षित रूप से काम करने में मदद करती है।