नई दिल्ली : अधिवक्ताओं ने फूंका दिल्ली के उप राज्यपाल का पुतला और नारेबाजी की

नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस थानों से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गवाही देने की अनुमति देने के मामले में दिल्ली के वकीलों ने बुधवार काे राऊज एवेन्यू कोर्ट परिसर में उप राज्यपाल का पुतला फूंका और नारे लगाए। निचली अदालतों के वकीलों के पक्ष में दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन जताते हुए वकीलों से काली पट्टी पहनने का आह्वान किया है। उच्चतम न्यायालय एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने भी निचली अदालत के वकीलों का समर्थन करते हुए उप राज्यपाल के नोटिफिकेशन को वापस लेने की मांग की है।

पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर भी वकीलों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। कड़कड़डूमा कोर्ट के वकीलों ने कृष्णा नगर रेड लाइट पर जाम लगा दिया। दिल्ली की सभी निचली अदालतों में वकीलों ने न्यायिक बहिष्कार के तहत अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। वकीलों ने कोर्ट परिसर में पुलिस और सरकारी वकीलों समेत ईडी, सीबीआई और नायब कोर्ट को प्रवेश नहीं करने दिया। वकीलों ने 26 अगस्त को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 8 बजे तक अगर उप राज्यपाल के नोटिफिकेशन को वापस नहीं लिया गया, तो 27 को भी हड़ताल जारी रहेगी। सरकार और वकीलों के बीच 26 अगस्त की देर शाम तक कोई समझौता नहीं हो सका।

देश भर के वकीलों के रजिस्ट्रेशन और नियमन के लिए बनी बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी उप राज्यपाल के नोटिफिकेशन पर एतराज जताया है। दिल्ली के वकीलों की मांग का उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन और दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने भी समर्थन किया है। 23 अगस्त को दोनों संगठनों ने उप-राज्यपाल के नोटिफिकेशन को वापस लेने की मांग की। उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय की बार एसोसिएशंस ने अलग-अलग नोटिस जारी कर नोटिफिकेशन वापस लेने की मांग की।

दिल्ली की निचली अदालतों के सभी बार एसोसिएशंस के संगठन कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशंस के आह्वान पर 22 अगस्त से वकील न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं। इस हड़ताल का आह्वान दिल्ली की निचली अदालतों के सभी बार एसोसिएशंस के संगठन कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशंस ने किया है। कोआर्डिनेशन कमेटी ने कहा कि दिल्ली के उप-राज्यपाल ने 13 अगस्त को एक नोटिफिकेशन जारी कर पुलिस थानों से पुलिसकर्मियों के बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दर्ज करने की अनुमति दी थी। इसके लिए कुछ स्थान तय किए गए हैं।

उप-राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ कोआर्डिनेशन कमेटी ने 20 अगस्त को दिल्ली के उप राज्यपाल, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया था। कोआर्डिनेशन कमेटी के मुताबिक उप-राज्यपाल का नोटिफिकेशन केंद्रीय गृह सचिव के 15 जुलाई, 2024 के सर्कुलर के विपरीत है। केंद्रीय गृह सचिव के सर्कुलर में पुलिस थानों में किसी भी किस्म की गवाही से इनकार किया गया था।

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