Nepal Political Crisis : नेपाल के युवा काठमांडू के इस रैपर मेयर को सौंपना चाहते हैं देश की कमान, जानिए कौन हैं?

Nepal kathmandu Rapper Mayor Balendra Shah : नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन-जेड (Gen Z) युवाओं का आक्रोश सोमवार को उफान पर था। युवा प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर भारी प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 19 लोगों की मौत और 300 से अधिक घायल हो गए। इस हिंसक प्रदर्शन में नेपाल सरकार को सोशल मीडिया प्रतिबंध वापस लेना पड़ा, लेकिन तब तक काफी नुक्सान हो चुका था।

सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाए थे, जिसे युवा विरोध कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने नारों के साथ संसद भवन की ओर मार्च किया, बैरिकेड्स तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया। नेपाल पुलिस ने वाटर कैनन, आंसू गैस, रबर बुलेट और फायरिंग का सहारा लिया, जिससे हिंसा भड़क गई। मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने इन कार्रवाई की निंदा की और स्वतंत्र जांच की मांग की।

इस आंदोलन में सबसे चर्चित नाम काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह (Nepal kathmandu Rapper Mayor Balendra Shah) का है, जिन्हें लोग प्यार से ‘बालेन’ कहते हैं। बालेंद्र शाह, जो सिविल इंजीनियर और रैपर भी हैं, 2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मेयर बने। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई और शहर में सुधार किए, जिससे उनकी छवि साफ-सुथरी और ईमानदार नेता के रूप में बनी। उन्होंने सोशल मीडिया पर युवाओं का समर्थन जताते हुए कहा कि वे इस आंदोलन का पूरा समर्थन करते हैं और राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि इस आंदोलन का स्वार्थ के लिए दुरुपयोग न करें।

प्रदर्शन के दौरान #NepoKids और #NepoBabies जैसे हैशटैग्स वायरल हुए, जिनमें नेताओं के बच्चों की भव्य जीवनशैली उजागर की गई। नेपाल की प्रति व्यक्ति आय लगभग 1,300 डॉलर है, और युवाओं में असंतोष इस बात को लेकर है कि नेताओं के बच्चे आराम-आराम की जिंदगी जी रहे हैं। यह असमानता और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का गुस्सा तेज हो गया है।

हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। गृह मंत्री रमेश लेखक ने प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बालेंद्र शाह की लोकप्रियता और युवा समर्थन ने नेपाल में नए नेतृत्व और बदलाव की उम्मीदें जगा दी हैं। यह पूरी घटना नेपाल में युवा शक्ति, बदलाव की चाह और राजनीति में नई उम्मीदों का प्रतीक बन गई है।

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