
Lucknow : राजधानी स्थित लोकबन्धु अस्पताल की फार्मेसी व्यवस्था को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। शिकायतें हैं कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और पत्रकारों को नियमित काउंटर से दवाएं नहीं दी जातीं, बल्कि उन्हें यह कहकर काउंटर संख्या 101 पर भेज दिया जाता है कि उनके लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
मरीजों और परिजनों का आरोप है कि मंगलवार को जब वे बताए गए काउंटर संख्या 101 पर पहुंचते हैं, तो वहां न तो किसी तरह का बोर्ड या नोटिस लगा होता है और न ही कोई विशेष व्यवस्था मिलती है। फार्मेसी में तैनात महिला कर्मचारियों पर भी मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार करने और शुद्ध भाषा का प्रयोग न करने के आरोप लगे हैं। इसके चलते बुजुर्ग और दिव्यांगजन कई बार काउंटरों के बीच भटकते रहते हैं, जिससे उनका इलाज प्रभावित होता है।
इस विषय पर जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि काउंटर संख्या 101 पर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और पत्रकारों के लिए औषधि वितरण की सुविधा उपलब्ध है और वहां इस संबंध में नोटिस भी चस्पा किया गया है। लेकिन मौके पर देखने पर न तो कोई सूचना-पट्ट लगा मिला और न ही कोई विशेष प्रावधान दिखा। स्थिति यह रही कि उसी काउंटर पर हर वर्ग के मरीज बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए।
अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा और सहायता के लिए 28 गार्डों की नियुक्ति का दावा किया है, लेकिन मौके पर न तो लाइनें व्यवस्थित कराई जा रही थीं और न ही किसी बुजुर्ग या दिव्यांग मरीज को कोई सहयोग मिलता दिखा। जब यह सवाल उठाया गया कि काउंटर पर नोटिस क्यों नहीं दिख रहा और गार्ड मरीजों की मदद क्यों नहीं कर रहे, तो सीएमएस ने शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया।
अब बड़ा सवाल यह है कि जहां एक ओर सरकार वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और पत्रकारों को विशेष सुविधा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर लोकबन्धु अस्पताल में यह दावे केवल कागजों तक सीमित रह जाते हैं। मरीजों की पीड़ा और व्यवस्थागत खामियां स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत उजागर कर रही हैं।