
इंदौर : NEET-UG 2025 परीक्षा के दौरान इंदौर में हुई अव्यवस्था को लेकर उठे विवाद ने अब कानूनी मोड़ ले लिया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई हुई, जिसमें राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने छात्रों की शिकायतों की जांच के लिए विशेष कमेटी गठित करने की बात कही। कोर्ट ने एनटीए के जवाब को सुनने के बाद इस मामले की अगली सुनवाई 26 मई 2025 को तय की है।
क्या है मामला?
देशभर में 4 मई 2025 को NEET-UG परीक्षा का आयोजन हुआ था, जिसमें 21 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे। केवल इंदौर में 49 परीक्षा केंद्रों पर करीब 27,000 छात्रों ने परीक्षा दी।
हालांकि, परीक्षा के दिन अचानक मौसम बिगड़ गया तेज आंधी और बारिश के कारण कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हो गई और पानी भर गया। कुछ छात्रों को मोमबत्ती की रोशनी में पेपर देना पड़ा, जबकि कई छात्र समय पर परीक्षा केंद्र तक पहुंच ही नहीं पाए।
छात्रों ने मांगा न्याय, कोर्ट पहुंचा मामला
600 से अधिक प्रभावित छात्रों ने इस मामले में न्याय की मांग करते हुए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट इंदौर बेंच में याचिकाएं दायर कीं।
छात्रों की मांग:
- परीक्षा दोबारा कराई जाए
- या फिर प्रभावित छात्रों के लिए वैकल्पिक समाधान निकाला जाए
अब तक 50 से अधिक याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं, जिनमें उज्जैन जिले के छात्र भी शामिल हैं।
हाई कोर्ट की प्रतिक्रिया: रिजल्ट रोकना उचित नहीं, लेकिन
15 मई 2025 को कोर्ट ने परीक्षा परिणाम पर अस्थायी रोक लगा दी थी, जिससे पूरे देश के 21 लाख छात्रों का रिजल्ट अटक गया। हालांकि, 16 मई को स्पेशल सुनवाई में कोर्ट ने NTA की दलील को मानते हुए इंदौर के 11 प्रभावित केंद्रों को छोड़कर अन्य सभी स्थानों के परिणाम जारी करने की अनुमति दे दी।
साथ ही एनटीए, बिजली वितरण कंपनियों और संबंधित परीक्षा केंद्रों को नोटिस जारी कर 30 जून तक जवाब देने को कहा गया है।
22 मई को क्या हुआ?
गुरुवार को हुई सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित होकर सुझाव दिया कि:
“इंदौर के 24 प्रभावित केंद्रों के लिए एक स्वतंत्र कमेटी गठित की जाए, जो छात्रों की शिकायतों की जांच कर यह तय करे कि परीक्षा दोबारा कराई जाए या अन्य वैकल्पिक समाधान निकाला जाए।”
कोर्ट ने इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए 26 मई को अगली सुनवाई की तारीख तय की है।
NTA की दलील: 600 के लिए 21 लाख का भविष्य न रोका जाए
NTA ने कोर्ट को बताया कि:
“देशभर के छात्रों की मेहनत और समय को ध्यान में रखते हुए इंदौर की समस्या के कारण पूरे देश का रिजल्ट रोका जाना अनुचित होगा। हमें सभी छात्रों के हितों का संतुलन बनाना होगा।”