नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी 2021 के लिए खाली सीटों पर काउंसलिंग कराने की मांग को खारिज कर दिया है। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के फैसले के बाद दोबारा काउंसलिंग कराने से मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। कोर्ट ने 9 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) ने कहा था कि नीट पीजी 2021 की परीक्षा आयोजित करने के लिए जो सॉफ्टवेयर है वो अब बंद कर दिया गया है इसलिए अब 1456 सीटों को नहीं भरा जा सकता है। एमसीसी ने कहा था कि एक साथ दो सत्रों 2021 और 2022 के लिए काउंसलिंग नहीं की जा सकती है। एमसीसी ने कहा था कि 2022 सत्र के लिए नीट की परीक्षा 21 मई को आयोजित की गई थी और 1 जून को रिजल्ट भी घोषित कर दिया गया। 2022 सत्र के लिए काउंसलिंग जुलाई के अंत तक खत्म हो जाएगी।
8 मई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी की 1456 सीटों पर दाखिले नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने एमसीसी से पूछा था कि एक तरफ देश में डॉक्टरों की कमी है और एमसीसी खाली सीटों के लिए स्पेशल काउंसलिंग नहीं कर रही। कोर्ट ने कहा था कि ये उन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है जिन्हें दाखिला मिल सकता था।