नीरज चोपड़ा का ऐतिहासिक थ्रो: 90.23 मीटर फेंककर रच दिया इतिहास….जीता सबका दिल

भारत के ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने अपनी अथक मेहनत और लगन के दम पर एक बार फिर देश का नाम ऊंचा किया है। दोहा डायमंड लीग में उन्होंने 90.23 मीटर की दूरी तक जैवलिन फेंककर एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। यह रिकॉर्ड भारत के लिए गर्व का विषय है क्योंकि नीरज पहली बार 90 मीटर की दूरी पार करने वाले भारतीय जैवलिन थ्रोअर बने हैं। इस उपलब्धि ने नीरज की काबिलियत को साबित करने के साथ ही भारतीय एथलेटिक्स के नए युग की शुरुआत की है।

नए कोच के साथ नीरज की नई उड़ान

नवंबर 2024 में नीरज ने अपने कोच बदलकर चेक गणराज्य के पूर्व ओलंपिक विजेता यान जैलेज्नी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। यान का अपने क्षेत्र में अनुभव बेहद व्यापक है, उन्होंने कई ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप में जीत हासिल की है। उनके साथ जुड़ने के बाद नीरज के प्रदर्शन में स्पष्ट सुधार देखने को मिला और दोहा में तीसरे प्रयास में 90 मीटर की दूरी पार की, जो उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है।

तीव्र प्रतिस्पर्धा में नीरज की चमक

प्रतियोगिता में नीरज ने जबरदस्त शुरुआत करते हुए पहले थ्रो में 88.44 मीटर की दूरी पार की। आखिरी प्रयास में भी उन्होंने 88.20 मीटर फेंका, लेकिन जर्मनी के जूलियन वेबर ने आखिरी थ्रो में 91.06 मीटर का थ्रो कर बाजी मार ली। वेबर के लिए भी यह पहली बार था जब उन्होंने 90 मीटर की दूरी पार की, जिससे मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया।

किशोर जेना और गुलवीर सिंह का प्रदर्शन भी महत्वपूर्ण

नीरज के साथ-साथ भारत के युवा जैवलिन थ्रोअर किशोर जेना ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने 68.07 मीटर से शुरुआत करते हुए दूसरे प्रयास में 78.60 मीटर तक दूरी बढ़ाई और आठवें स्थान पर रहे। वहीं, पुरुषों की 5000 मीटर दौड़ में भारत के गुलवीर सिंह ने डेब्यू किया, जिन्होंने नौवें स्थान पर रहते हुए अपनी शुरुआत की।

नीरज की उपलब्धि का खास मतलब

हालांकि नीरज इस मुकाबले में विजेता नहीं बने, लेकिन 90 मीटर की दूरी पार करना उनकी लगातार बढ़ती सफलता का संकेत है। इससे पहले उन्होंने 2022 में स्टॉकहोम डायमंड लीग में 89.94 मीटर का थ्रो किया था। इस बार की उपलब्धि उनके निरंतर प्रयास और तकनीकी सुधार का नतीजा है।

देश के लिए प्रेरणा का स्रोत नीरज

नीरज चोपड़ा की यह सफलता केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि पूरे भारतीय खेल जगत के लिए प्रेरणा का संदेश है। उनकी मेहनत और लगन से युवा खिलाड़ी प्रेरित होंगे और भारत को विश्व स्तर पर चमकाने के लिए नई ताकत से आगे बढ़ेंगे। नीरज ने साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और कठिन परिश्रम से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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