
Jammu Kashmir : देश में सांप्रदायिक विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। एक के बाद दूसरा बड़ा विवाद जन्म ले लेता है। अब शुक्रवार को ईद-ए-मिलाद के अवसर पर श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में बवाल मच गया। दरगाह परिसर में हिंसा के दौरान अशोक स्तंभ पर बेकाबू भीड़ ने पत्थर मारने शुरू कर दिए, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने इस घटना को आतंकवादी हमला करार दिया है।
हजरतबल दरगाह में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है। वहीं, शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के दौरान यहां भारी भीड़ उमड़ी और अशोक स्तंभ पर पत्थरबाजी करने से भीड़ ने हिंसा शुरू कर दी। दरगाह में पत्थरबाजी होने से यह मामला सांप्रदायिक रूप ले रहा है। आइए जानते हैं कि हजरतबल दरगाह का इतिहास क्या है…
हजरतबल दरगाह में रखी है पैगंबर मुहम्मद की दाढ़ी
श्रीनगर में स्थित हजरतबल दरगाह में पाकिस्तान के प्रसिद्ध पैगंबर मुहम्मद की दाढ़ी के बाल रखे जाने की मान्यता है। मुसलमानों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह स्थल मुस्लिम समुदाय में आस्था का केंद्र है। इस दरगाह का निर्माण 1968 में मुस्लिम औकाफ ट्रस्ट के शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की देखरेख में शुरू हुआ था, जो 1979 में पूरा हुआ था। हजरतबल दरगाह 17वीं शताब्दी से यहां पर है। इससे पहले यहां इशरत महल और बगीचा हुआ करता था। बगीचे का निर्माण 1623 में शाहजहां के सूबेदार सादिक खान ने करवाया था।
इस दरगाह का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि इस दरगाह को फिल्मों में भी दिखाया जा चुका है। साल 2010 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘लम्हा’ में हजरतबल दरगाह को दिखाया गया था। इस फिल्म में अभिनेता संजय दत्त, बिपाशा बसु, कुणाल कपूर और अनुपम खेर ने काम किया था।
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