अखिलेश दुबे सिंडिकेट की तीन विषकन्याओं के नाम सामने आए, टोनू यादव ने किया सनसनीखेज खुलासा

  • निशा, गीता और रमाकांती के जरिए दर्ज कराये थे फर्जी मुकदमे
  • रवि सतीजा को फंसाने के लिए टोनू ने बुलाई थी गीता नामक लड़की, दिया गया था पैसे का लालच
    -निशा नामक विषकन्या ने अपनी छोटी बहन को इस दलदल में धकेल था, रमाकांती के जरिए हनुमंत विहार थाने में दर्ज हुआ था बलात्कार का फर्जी मुकदमा

भास्कर ब्यूरो
कानपुर। आखिरकार साकेत धाम के लिए शिकार फंसाने वाली तीन विषकन्याओं के नाम सामने आ गए हैं। साकेत दरबार के वास्ते विष-कन्याओं का इंतजाम करने वाले शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू ने पुलिस की पूछताछ में कबूल किया है कि भाजपा नेता और होटल कारोबारी रवि सतीजा को बलात्कार के फर्जी मामले में फंसाने के लिए गीता नाम की लड़की का इस्तेमाल किया था। तूने पुलिस को बताया है कि गीता के पास वह उसकी बड़ी बहन निशा के माध्यम से पहुंचा था। निशा भी गाहे-बगाहे साकेत दरबार के लिए विषकन्या की भूमिका निभाती रही है। टोन से पूछताछ के दरमियान यह भी खुलासा हुआ कि वर्ष 2024 में हनुमंत विहार थाने में रमाकांती नामक एक महिला से डीबीएस कालेज के कर्मचारी ओम प्रकाश और अभिषेक मिश्रा के खिलाफ भी बलात्कार का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया था। एडीसीपी राजेश पांडे ने बताया प्रारंभिक जांच में फर्जी मुकदमा दर्ज करने वाली महिलाओं के नाम सामने आने के बाद अब यह मालूम करने की कोशिश है कि उन महिलाओं को किस तरह से अखिलेश दुबे सिंडिकेट ने झांसे में लिया था। उन्होंने कहा यदि यह प्रमाणित होता है कि महिलाओं ने पैसे के लालच में जानकारी होते हुए फर्जी मुकदमे दर्ज कराए हैं तो ऐसी महिलाओं के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई अवश्य होगी।

गौरतलब है कि आशियाने में दबिश के चंद घंटों बाद कमिश्नरेट पुलिस ने अखिलेश दुबे के शागिर्द टोनू यादव को नौबस्ता बाईपास के करीब से दबोच लिया। सख्त सवालों के घबराए सप्लायर ने तमाम राजफाश कर दिए हैं। टोन से खबर लिखे जाने तक पूछताछ जारी थी पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने कुछ अन्य विषकन्याओं के नाम उजागर करने के साथ-साथ दरबार के लिए दलाली करने वाले ब्राह्मण पिता-पुत्र के नाम भी बताएं हैं। टोनू के खुलासे के बाद साकेत दरबार के लिए दलाली करने वाले ब्राह्मण पिता-पुत्र की जोड़ी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। प्रारंभिक पूछताछ में मालूम हुआ है कि, साकेत दरबार के सिंडिकेट में तीन दर्जन से ज्यादा विष-कन्याएं जुड़ी थीं। शहर के अलग-अलग जोन में शिकार फंसाने के लिए विष-कन्याओं की अलग-अलग टीम बनाई गई थी। विष-कन्याओं की टीम की मुखिया स्वयंभू कानपुर सुंदरी बताई गई है।

पांच हजार से पचास हजार वाली विष-कन्याएं
रवि सतीजा की हिम्मत के बाद साकेत दरबार के काले कारनामे सामने आने शुरू हुए तो पुलिस पड़ताल में एक खलनायक का नाम सामने आया – टोनू यादव। रईसजादों और रसूखदारों को शिकार बनाने के लिए टोनू ही बदनाम बस्ती से लड़कियों को पैसों का लालच देकर घिनौने आरोप मढ़ने के लिए तैयार करता था। पुलिस तफ्तीश में मालूम हुआ कि, शिकार के शौक-हैसियत के हिसाब से पांच हजार रुपए से लेकर पचास हजार रुपए तक में विष-कन्याएं बुलाई जाती थीं। पुलिस के खास सूत्र ने बताया कि, यदि किसी कारोबारी अथवा सार्वजनिक जिंदगी वाली किरदार को शिकार बनाना होता था तो टोनू यादव उस्मानपुर बस्ती से पांच-दस हजार में लड़की मुहैया कराता था। इसी प्रकार यदि शिकार कुछ शौकीन किस्म का होता था तो स्वयं-भू शहर-सुंदरी को आगे बढ़ाकर उसके जरिए अथवा दिल्ली की मंडी से विष-कन्या बुलाकर होटल के आलीशान कमरे में शिकार किया जाता था।

पिता-पुत्र के इशारे पर नाचती थी स्वयं-भू सुंदरी
पुलिस पड़ताल में पुख्ता साक्ष्य हासिल हुए हैं कि, कभी-कभार खुद विष-कन्या का किरदार निभाने वाली शहर की स्वयं-भू सुंदरी जरूरत के आधार पर दिल्ली-कोलकाता की मंडी से सौंदर्य को बुलाती थी। दिल्ली-कोलकाता से बुलाई गईं सौंदर्य-गर्ल ज्यादातर मामलों में मेहमानों को खुश करने के लिए इस्तेमाल होती थीं। कानपुर निवासी स्वयं-भू सुंदरी के बारे में जानकारी हासिल हुई है कि, दक्षिणवर्ती ब्राह्मण पिता-पुत्र की जोड़ी के इशारे पर काम करती थी और संगठन की महिला विंग की कर्ता-धर्ता थी। अतीत के कुछेक मामलों में पिता-पुत्र के रिमोट से कंट्रोल होने वाली स्वयं-भू सुंदरी के जरिए भी शिकार किये गये थे।

रपट के बाद परदेस भेजी गईं विष-कन्याएं
रविवार की सुबह नौबस्ता बाई-पास से गिरफ्तारी के बाद टोनू यादव से पुलिस की पूछताछ देर शाम तक जारी थी। चर्चा है कि, टोनू ने पुलिस को बताया है कि, पिछले बीस साल में साकेत दरबार के लिए तीन दर्जन से ज्यादा लड़कियो को फर्जी आरोप मढ़ने के लिए इस्तेमाल किया गया था। कुछेक लड़कियां वक्त के साथ सिंडिकेट से दूर हो गईं, जबकि रवि सतीजा की तहरीर पर बर्रा थाने में अखिलेश दुबे के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज होने के बाद साकेत दरबार से जुड़ी तमाम विष-कन्याओं को झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के गुप्त ठिकानों पर भेज दिया गया है।

पिता-पुत्र अब खाकी के निशाने पर
टोनू यादव के खुलासे के बाद दक्षिण शहर के ब्राह्मण पिता-पुत्र की जोड़ी का नाम साकेत दरबार के लिए शिकार खोजने और दलाली करने के मामले में सामने आया है। चर्चा है कि, कथित तौर पर विकास के लिए संगठन चलाने वाले पिता-पुत्र का मुख्य काम साकेत सिंडिकेट के लिए कब्जा करने के लिए विवादित जमीन-पार्क के साथ-साथ विकास प्राधिकरण में भटकने वाले शिकार खोजकर दरबार तक पहुंचाना था। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, एसआईटी के पास पहुंची तमाम शिकायतों में ब्राह्मण कर्मचारी नेता के पुत्र का नाम भी बतौर अभियुक्त शामिल है।

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