लखनऊ। राज्य सरकार ने विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते वर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल को हटाकर उन्हें डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा है। डीजीपी के हटने के बाद अब पुलिस के नये मुखिया के रूप में कई सीनियर आईपीएस को लेकर विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
शासन ने देर शाम को डीजीपी पद पर रहे मुकुल गोयल को हटा दिया। अब जब तक नये डीजीपी की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी का कार्यभार संभालेंगे। मुकुल गोयल के हटाये जाने के बाद नये डीजीपी के नाम को लेकर पुलिस मुख्यालय में चर्चाओं का बाजार गर्म होना शुरू हो गया है।
अगर वरिष्ठतम के तौर पर डीजीपी चुना जाता है तो इसमें डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा, जीएल मीणा, विश्वजीत महापात्रा, आनंद कुमार और आरपी सिंह का नाम आ रहा है। विभागीय सूत्रों की माने तो केंद्र प्रतिनियुक्ति में तैनात आईपीएस को भी उत्तर प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक बनाया जा सकता है। हालांकि प्रदेश की वर्तमान कानून व्यवस्था को देखते हुए शासन बहुत ही सोच समझकर फैसला ले सकता है।
शायद किसी अधिकारी के लिए जारी हुआ है ऐसा संदेश
राज्य सरकार ने बुधवार की देर शाम को पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात रहे आईपीएस मुकुल गोयल को हटा दिया। डीजीपी को हटाने के लिए शासन की ओर से जो संदेश जारी किया गया, वह शायद ही पूर्व में किसी डीजीपी को हटाने के पहले किया गया हो। मुकुल गोयल के लिए जिस प्रकार की शब्दावली का इस्तेमाल हुआ उससे सरकार के प्रति उनकी नाराजगी साफ जाहिर हो रही है।