
नैनीताल : गोलू देवता सर्किट के तहत अब कुमाऊं के प्रसिद्ध न्याय देवता गोल्ज्यू मंदिरों का कायाकल्प किया जाएगा। मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत इन मंदिरों को न सिर्फ पारंपरिक और पौराणिक स्वरूप में संवारा जाएगा, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा।
घोड़ाखाल स्थित प्रसिद्ध गोल्ज्यू मंदिर को इस सर्किट में प्रमुखता से शामिल किया गया है। यहां मंदिर को घंटियों की थीम पर आकर्षक रूप दिया जाएगा। मंदिर में पॉलीकार्बोनेट शीट के ज़रिए प्राकृतिक रोशनी पहुंचाई जाएगी, जिससे यह और भी भव्य दिखेगा। पर्यटन विभाग ने इस योजना की शुरुआत कर दी है।
गोल्ज्यू कॉरिडोर का खाका तैयार
पर्यटन विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत एक विशेष गोल्ज्यू देवता सर्किट बनाया जाएगा, जिसमें घोड़ाखाल, अल्मोड़ा (चितई) और चंपावत के प्रसिद्ध गोलू मंदिर शामिल होंगे।
संयुक्त निदेशक पर्यटन एसएस सामंत के नेतृत्व में एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। विभागीय टीम ने हाल ही में घोड़ाखाल मंदिर का निरीक्षण किया और पाया कि मंदिर के पास बने छोटे-छोटे कक्ष इसकी भव्यता को प्रभावित कर रहे हैं। साथ ही, ऊंची छत और कम रोशनी के कारण मंदिर परिसर उतना आकर्षक नहीं लगता।
नया स्वरूप: परंपरा और आधुनिकता का मेल
मंदिर परिसर को घंटियों की पारंपरिक थीम पर तैयार किया जाएगा। छोटे कक्षों को हटाकर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा। मंदिर को अधिक विशाल और भव्य रूप दिया जाएगा। कंक्रीट की जगह आकर्षक पत्थर लगाए जाएंगे, जिससे इसकी पारंपरिक छवि बनी रहे।
साथ ही श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग, हाथ धोने और शौचालय जैसी सुविधाओं की आधुनिक व्यवस्था की जाएगी।
पार्किंग की तैयारी: सैनिक स्कूल से सहयोग
गोल्ज्यू सर्किट के सक्रिय होते ही यहां पार्किंग की भारी जरूरत महसूस की जाएगी। इसको देखते हुए पर्यटन विभाग ने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के सामने मल्टी-लेवल पार्किंग बनाने का प्रस्ताव रखा है। स्कूल प्रबंधन से इस पर बातचीत हो चुकी है। बोर्ड की अनुमति मिलते ही काम शुरू किया जाएगा। पार्किंग से मिलने वाले राजस्व का 50 फीसदी हिस्सा स्कूल को मिलेगा।
यह पहल न केवल मंदिर की भव्यता को बढ़ाएगी, बल्कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं और स्थानीय पर्यटन को भी नया आयाम देगी।