नैनीताल। मंगलवार को रामलीला के दौरान एक व्यक्ति ने अपने चचेरे भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। एसओजी और मुखानी पुलिस ने 8 घंटे में हत्यारोपी को तमंचे समेत गिरफ्तार कर लिया।
मंगलवार को आशु जोशी पुत्र स्व. उमेश चंद्र जोशी निवासी घूनी नं 1 कठघरिया थाना मुखानी जिला नैनीताल व अंशू जोशी पुत्र स्व. किशोर चंद्र जोशी निवासी थाना मुखानी ने थाना मुखानी में एक तहरीर देकर कहा था कि कमलुआगांजा रामलीला हल्द्वानी में उमेश नैनवाल की रामलीला देखने के दौरान जमीनी विवाद के चलते दिनेश नैनवाल ने गोली मारकर हत्या कर दी।
तहरीर के आधर पर पुलिस ने दिनेश नैनवाल और उसके साथ दीपक बुधानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने तत्काल पुलिस टीम गठित कर मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। एसपी सिटी हल्द्वानी प्रकाश चंद्र व क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी नितिन लोहनी के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष विजय मेहता के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने आरोपी की तलाश में चौकी लामाचौड़ क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान एक व्यक्ति फार्मग्रिल रेस्टोरेंट के पास से आता दिखाई दिया, जो पुलिस टीम को देखकर भागने लगा। पुलिस ने दौड़कर उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम दिनेश नैनवाल बताया।
उसने बताया कि उसके चाचा हेम चंद्र नैनवाल की लगभग 18-19 बीघा जमीन पूरनपुर नैनवाल में थी, जिनका कोई वारिस नहीं था। लगभग चार माह पूर्व उनकी मृत्यु हो गई। जमीन को लेकर दिनेश का उमेश नैनवाल से विवाद चल रहा था। सभी रिश्तेदारों ने इस जमीन को स्कूल या पार्क या किसी सामाजिक संस्था को दान करने पर सहमति जताई थी, परंतु उमेश इसमें आपत्ति जता रहा था।
रामलीला के दौरान इसी बात को लेकर बहस हो गई, जिसके चलते उसने उमेश की हत्या कर दी। आरोपी की तलाशी में 1 अवैध तमंचा 312 बोर व 1 जिंदा कारतूस 315 बोर बरामद हुआ। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम को 2500 रुपए नकद पुरस्कार की घोषणा की है।
रामलीला में भतीजा बना था परशुराम
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि यह हत्या उमेश और दिनेश के बीच अनसुलझे जमीन विवाद के चलते की गई थी। लामाचौड़ निवासी उमेश नैनवाल पुत्र मोहन चंद्र का सोमवार रात करीब साढ़े 11 बजे अपने चचेरे भाई दिनेश से विवाद हो गया। इस दौरान उमेश का पुत्र और दिनेश नैनवाल का भतीजा मंच पर था और राम लीला में परशुराम बना था। दोनों के बीच मामूली कहासुनी काफी बढ़ गई। इसी बीच दिनेश ने पिस्तौल निकालकर उमेश को गोली मार दी। गोली लगने के बाद उमेश तुरंत जमीन पर गिर गया और उसके बाद रामलीला में आई भीड़ के भगदड़ में हमले का आरोपी दिनेश मौके से भाग गया।