
सिंगरौली : शुक्रवार को सिंगरौली कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई के दौरान एक गरीब पिता अपनी गोद में चार साल के मासूम बेटे को लेकर पहुंचा। बच्चे को सुनाई नहीं देता था और उसकी श्रवण यंत्र की बैटरी खराब हो गई थी, जिसे परिवार अपनी आर्थिक स्थिति के चलते बदलवा नहीं पा रहा था।
गरीब पिता की गुहार
ग्राम करौटी निवासी रामलल्ला वैश्य ने कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला के सामने अपनी पीड़ा रखते हुए कहा, “मेरे बेटे आदित्य को जन्म से ही सुनने और बोलने में परेशानी है। उसका इलाज जबलपुर में हुआ और 12 जनवरी 2024 को उसे कान की मशीन लगाई गई। अब मशीन की बैटरी खराब हो गई है और उसे सुनाई देना बंद हो गया है। लेकिन बैटरी की कीमत इतनी है कि हम वहन नहीं कर सकते।”
जनसुनवाई में मिली राहत
बच्चे की स्थिति जानकर कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला भावुक हो उठे और मौके पर ही 17 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत कर दी, ताकि श्रवण यंत्र में नई बैटरी लगाई जा सके। बैटरी बदलते ही जैसे ही आदित्य ने श्रवण यंत्र लगाया और आवाजें सुननी शुरू कीं, उसके चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
कलेक्टर भी हुए भावुक
बेटे की मुस्कान और पिता की आंखों में झलकती राहत देखकर कलेक्टर भी मुस्करा उठे। वहां मौजूद लोग इस संवेदनशीलता भरे पल के गवाह बने और कलेक्टर की मानवता और तत्परता की जमकर सराहना की।
संवेदनशील प्रशासन की मिसाल
इस घटना ने प्रशासन और आम जनता के बीच की दूरी को पाटने का उदाहरण पेश किया, जहां एक अधिकारी ने न केवल समस्या
सिंगरौली : शुक्रवार को सिंगरौली कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई के दौरान एक गरीब पिता अपनी गोद में चार साल के मासूम बेटे को लेकर पहुंचा। बच्चे को सुनाई नहीं देता था और उसकी श्रवण यंत्र की बैटरी खराब हो गई थी, जिसे परिवार अपनी आर्थिक स्थिति के चलते बदलवा नहीं पा रहा था।
गरीब पिता की गुहार
ग्राम करौटी निवासी रामलल्ला वैश्य ने कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला के सामने अपनी पीड़ा रखते हुए कहा, “मेरे बेटे आदित्य को जन्म से ही सुनने और बोलने में परेशानी है। उसका इलाज जबलपुर में हुआ और 12 जनवरी 2024 को उसे कान की मशीन लगाई गई। अब मशीन की बैटरी खराब हो गई है और उसे सुनाई देना बंद हो गया है। लेकिन बैटरी की कीमत इतनी है कि हम वहन नहीं कर सकते।”
जनसुनवाई में मिली राहत
बच्चे की स्थिति जानकर कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला भावुक हो उठे और मौके पर ही 17 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत कर दी, ताकि श्रवण यंत्र में नई बैटरी लगाई जा सके। बैटरी बदलते ही जैसे ही आदित्य ने श्रवण यंत्र लगाया और आवाजें सुननी शुरू कीं, उसके चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
कलेक्टर भी हुए भावुक
बेटे की मुस्कान और पिता की आंखों में झलकती राहत देखकर कलेक्टर भी मुस्करा उठे। वहां मौजूद लोग इस संवेदनशीलता भरे पल के गवाह बने और कलेक्टर की मानवता और तत्परता की जमकर सराहना की।
संवेदनशील प्रशासन की मिसाल
इस घटना ने प्रशासन और आम जनता के बीच की दूरी को पाटने का उदाहरण पेश किया, जहां एक अधिकारी ने न केवल समस्या
सिंगरौली : शुक्रवार को सिंगरौली कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई के दौरान एक गरीब पिता अपनी गोद में चार साल के मासूम बेटे को लेकर पहुंचा। बच्चे को सुनाई नहीं देता था और उसकी श्रवण यंत्र की बैटरी खराब हो गई थी, जिसे परिवार अपनी आर्थिक स्थिति के चलते बदलवा नहीं पा रहा था।
गरीब पिता की गुहार
ग्राम करौटी निवासी रामलल्ला वैश्य ने कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला के सामने अपनी पीड़ा रखते हुए कहा, “मेरे बेटे आदित्य को जन्म से ही सुनने और बोलने में परेशानी है। उसका इलाज जबलपुर में हुआ और 12 जनवरी 2024 को उसे कान की मशीन लगाई गई। अब मशीन की बैटरी खराब हो गई है और उसे सुनाई देना बंद हो गया है। लेकिन बैटरी की कीमत इतनी है कि हम वहन नहीं कर सकते।”
जनसुनवाई में मिली राहत
बच्चे की स्थिति जानकर कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला भावुक हो उठे और मौके पर ही 17 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत कर दी, ताकि श्रवण यंत्र में नई बैटरी लगाई जा सके। बैटरी बदलते ही जैसे ही आदित्य ने श्रवण यंत्र लगाया और आवाजें सुननी शुरू कीं, उसके चेहरे पर मुस्कान लौट आई।
कलेक्टर भी हुए भावुक
बेटे की मुस्कान और पिता की आंखों में झलकती राहत देखकर कलेक्टर भी मुस्करा उठे। वहां मौजूद लोग इस संवेदनशीलता भरे पल के गवाह बने और कलेक्टर की मानवता और तत्परता की जमकर सराहना की।
संवेदनशील प्रशासन की मिसाल
इस घटना ने प्रशासन और आम जनता के बीच की दूरी को पाटने का उदाहरण पेश किया, जहां एक अधिकारी ने न केवल समस्या को सुना, बल्कि तुरंत मदद कर एक मासूम की दुनिया फिर से रोशन कर दी।