मुर्शिदाबाद हिंसा : हाईकोर्ट की बनाई कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, हिंसा में आया पार्षद का नाम

Murshidabad Violence Report : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की जाँच के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक विशेष समिति का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट अब सामने आ गई है। मुर्शिदाबाद हिंसा पर सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 11 अप्रैल को धुलियान में हुई हिंसा के दौरान स्थानीय पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय और अनुपस्थित थी, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई। इसके अलावा, रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि उक्त हिंसा को बढ़ावा देने में एक स्थानीय पार्षद की भूमिका भी संदिग्ध है।

रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य हमला दोपहर 11 अप्रैल को हुआ था, जब मुर्शिदाबाद के धुलियान शहर में हिंसा भड़क उठी। समिति ने पाया कि स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण हिंसा का नियंत्रण नहीं हो पाया। प्रभावित इलाकों में पीड़ितों के पुनर्वास के लिए विशेष पैकेज और सहायता की आवश्यकता है, जिसके लिए विशेषज्ञों की मदद ली जानी चाहिए।

इसी बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने भी अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि वक्फ एक्ट के विरोध में 4 अप्रैल से शुरू हुआ प्रदर्शन 8 से 12 अप्रैल के बीच हिंसक रूप ले चुका था। सरकार की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 12 अप्रैल को समसेरगंज में भीड़ ने दो व्यक्तियों की हत्या कर दी थी, और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की गई थी।

इस हिंसा ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि हिंदू परिवारों को निशाना बनाया गया, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे सुनियोजित और योजनाबद्ध हिंसा करार दिया है। इस पूरे घटनाक्रम ने राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा और चिंता को जन्म दिया है, और न्यायिक जांच का दौर जारी है।

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