अयोध्या। अयोध्या पुलिस ने 30 जनवरी को अयोध्या कोतवाली क्षेत्र में हुई दलित युवती के ब्लाइंड मर्डर की पहेली को सुलझा लेने का दावा किया है। पुलिस ने जघन्य हत्या के इस मामले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लेने का दावा करते हुए मीडिया के सामने कुछ साक्ष्य रखे हैं। पकड़े गए आरोपियों को न्यायालय में पेश कर मामले का पूरी तरह से खुलासा करने व साक्ष्य एकत्र करने के लिए रिमांड की कार्रवाई प्रारम्भ की जा रही है।
पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए एसएसपी राजकरण नैय्यर ने कहा एक ब्लाइंड केस का पुलिस ने सफलतापूर्वक खुलासा किया है, जिसमें एक दलित युवती की हत्या की गुत्थी सुलझाई गई। अयोध्या एसएसपी राज करण नैय्यर ने प्रेस वार्ता में बताया कि तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिन्होंने युवती की हत्या शराब के नशे में की थी। गिरफ्तार आरोपियों में हरी राम कोरी, विजय साहू और दिग्विजय सिंह शामिल हैं। जो मृत युवती के गाँव सहजनवा के निवासी हैं।
घटना कोतवाली क्षेत्र के शहनवां गांव स्थित स्कूल में हुई थी। जहां आरोपियों ने युवती की हत्या कर शव को नाले के पास फेंक दिया था। पुलिस ने हत्या के बाद शव की तलाश शुरू की और 72 घंटे की जांच के बाद मामले का खुलासा किया। पुलिस की चार टीमों ने इस हत्या की गुत्थी को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। एसएसपी राज करण नैय्यर ने बताया कि आरोपियों ने हत्या के दौरान शराब का सेवन किया था। बेरहमी से घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने युवती का शव नाले के पास फेंक दिया।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अब उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा। मामले की पूरी जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने बताया कि घटना का खुलासा करने के लिए चार टीमें गठित की गई थी। पुलिस टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है किन्तु मजबूत साक्ष्य जुटाने के लिए आरोपियों को रिमांड पर लेने की कार्रवाई की जा रही है।
अभी भी कई सवाल अनुत्तरित –
अयोध्या पुलिस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद भले ही पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर लेने का दावा किया है। फिर भी इस ब्लाइंड मर्डर से जुड़े कुछ सवाल अब तक अनुत्तरित हैं, जिसका जवाब देने से पुलिस बचती घूम रही है। पुलिस ने मीडिया को अब तक ऐसी कोई जानकारी नहीं दी कि मृत युवती के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था या नहीं। दूसरा सवाल यह कि यदि ब्लात्कार नहीं हुआ था तो हत्या करने का क्या मकसद था।
एसएसपी ने इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं दिया। जानकार सूत्रों का यह मानना है कि पुलिस ने मुख्यमंत्री के डर से आनन-फानन में दलित युवती की हत्या का खुलासा तो कर दिया किन्तु पुलिस अभी कुछ तथ्यों को छुपा रही है। यह भी माना जा रहा है कि अभी इस घटना से जुड़े कुछ और आरोपी भी हो सकते हैं। जो आरोपियों का रिमांड मिलने पर पुलिस की जांच में सामने आ सकते हैं।