
15 घंटे में पुलिस ने किया हत्या का पर्दाफाश
भास्कर ब्यूरो
बरेली। एक बुजुर्ग की दर्दनाक हत्या, पांच बेगुनाहों पर झूठे आरोप और एक चालाक हत्यारा—यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि बरेली के सिकलापुर चौराहे के पास घटी एक सच्ची घटना है। जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। लेकिन असली ट्विस्ट तब आया जब पुलिस ने महज 15 घंटे में इस खौफनाक कत्ल का पर्दाफाश कर दिया और उस शातिर अपराधी को बेनकाब कर दिया।
जानकारी के मुताबिक रविवार रात करीब 1 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में घबराए हुए स्वर में एक कॉल आई “साहब, मेरे चाचा दयाशंकर की हत्या हो गई। पाँच लोगों ने घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी।”
फोन करने वाला कोई और नहीं, बल्कि दयाशंकर का भतीजा रितिक था। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस, सीओ पंकज श्रीवास्तव और इंस्पेक्टर अमित पांडेय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो नज़ारा दिल दहला देने वाला था—दयाशंकर खून से लथपथ अपने बिस्तर पर पड़े थे। घर का माहौल मातम में बदल चुका था। मगर पुलिस को कुछ अजीब लगा।
रितिक ने पांच लोगों पर हत्या का आरोप लगाया—नीरज, अमित, सचिन, वासू और अप्पू। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन सभी को उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जब ये पांचों पकड़े गए, तो सभी एक ही बात कह रहे थे “हमें तो कुछ पता भी नहीं! हम तो सो रहे थे।”
शुरुआत में लग रहा था कि मामला जटिल है। लेकिन पुलिस ने जब इन पांचों आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की, तो उनकी कहानियां मेल खा रही थीं। दूसरी ओर रितिक की बातें बार-बार बदल रही थीं। यहां पुलिस की शार्प इन्वेस्टिगेशन स्किल काम आई— मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग की गई, सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, गवाहों से पूछताछ हुई और सबूत इकट्ठा किए गए।
जांच में पता चला कि जिन पांच लोगों पर हत्या का आरोप लगाया गया था। वे घटना के वक्त घटनास्थल पर थे ही नहीं।
अब पुलिस ने अपना फोकस रितिक पर किया और जब उससे कड़ाई से पूछताछ हुई, तो उसकी झूठी कहानी की परतें खुलनी शुरू हो गईं।
जांच में सामने आया कि रितिक और उसके चाचा दयाशंकर के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। रितिक को डर था कि उसके चाचा जमीन बेच देंगे, जिससे वह बेघर हो जाएगा। लेकिन कहानी में एक और सनसनीखेज मोड़ था—रितिक को शक था कि दयाशंकर की उसकी पत्नी पर बुरी नजर थी।जब पुलिस ने रितिक के घर की तलाशी ली। तो वहां से 315 बोर का तमंचा, एक जिंदा कारतूस, दो खोखे, एक पेचकस और एक प्लास बरामद हुआ।
बस, फिर क्या था। रितिक की कहानी बिखरने लगी और अंततः उसने अपराध कबूल कर लिया। इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में एसपी सिटी मानुष पारीक, सीओ पंकज श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर अमित पांडेय, इंस्पेक्टर लव सिरोही, दरोगा जितेंद्र कुमार, वीरभग्र सिंह, नीतू तोमर, रूची सोलंकी, हेड कांस्टेबल शाहिद अली, कांस्टेबल त्रिलोक सिंह, अखिलेश यादव और कपिल तोमर की टीम ने महज 15 घंटे में केस सॉल्व कर दिया।