
शहजाद अंसारी
बिजनौर। जून की भयंकर गर्मी में जहां लोगों का प्यास के कारण हलक सूख रहा है वहीं लाखों की रूपये की लागत से नगीना में लगे फ्रीजर खराब होकर कबाड़ में तब्दील होकर धूल फांक रहे हैं क्योंकि इनके रूपये की बन्दरबांट हो चुकी है नगर के विकास के दावों की पोल खोलते यह फ्रीजर चीख चीख कर बयां कर रहे हैं कि नगीना नगर पालिका के जिम्मेदारों ने नगर का नहीं बल्कि अपने ही विकास पर ज्यादा ध्यान दिया है। ऐसे हालात में जब नगर की जनता पानी के लिये त्राहि त्राहि कर रही है लेकिन सत्ताधरियों की चुप्पी अपने आप में चर्चा का विषय बनी हुई है।
मई और जून की भीषण गर्मी में त्राहि त्राहि मची हुई है आम राहगीर और ग्रामीण व नगर क्षेत्र में रहने वाली जनता प्यास से व्याकुल हो जाने पर नगीना नगर पालिका के द्वारा लगवाये हुए पानी के वाटर कूलर के पास जब पानी पीने के लिये जाता है तो उसे सिर्फ मायूसी हाथ लगती है क्योंकि विकास के बड़े बड़े दावे करते हुए लगवाये गए वाटर कूलर इस समय कबाड़ में तब्दील होकर धूल फांक रहे हैं क्योंकि इनके रूपये की बन्दरबांट हो चुकी है नगीना के विकास के दावों की पोल खोलते यह फ्रीजर चीख चीख कर बता रहे हैं कि नगीना नगरपालिका के जिम्मेदारों ने नगर का नहीं बल्कि अपने ही विकास पर ज्यादा ध्यान दिया है।
खराब कूलरों की शिकायत पर जब हमारे संववादाता शहजाद अंसारी ने भौतिक सत्यापन किया गया तो मौहल्ला सराय मीर] तार वाला बाग, पहाड़ी दरवाजा, नालबन्दान, शेख सराय, साहूवान, कायस्थ सराय, काजी सराय बारातघर, काजी सराय बरफ खाना, अकबराबाद चौक आदि दर्जनों मौहल्लों में लगे खराब वाटर कूलर अपनी बदहाली की दास्तान सुना रहे हैं। नगर पालिका के जिम्मेदारों की हालत यह हो चुकी है कि विकास का खून मुंह लग चुका है करोड़ों रूप्ये का बजट पास करने से पहले उसे ठिकाने लगाने की तैयारी हो जाती है ऐसे में कागजी विकास के अलावा नगर में धरातल पर कुछ भी नहीं हो रहा है इतना ही नहीं वर्षो से वाटर कूलरों के मेन्टेनेंस के नाम पर डकारे जा रहे। नगीना के विकास के नाम पर लाखों रूपये को किस तरह ठिकाने लगाया गया इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
नगीना नगर पालिका में वाटर कूलरों के नाम पर पनप रहे भ्रष्टाचार के बीच ऐसे हालात में जब नगर की जनता पानी के लिये त्राहि त्राहि कर रही है तो सत्ताधरियों की चुप्पी अपने आप में चर्चा का विषय बनी हुई है।










