नगर निगमः बोर्ड बैठक में फिर छलका पार्षदों का दर्द

भास्कर समाचार सेवा

मथुरा। नगर निगम की बोर्ड बैठक में पार्षदों का दर्द एक बार फिर छलका। कई पार्षदों ने तो यहां तक कह दिया कि अधिकारी एक हैं और बंटे हुए हैं, इस लिए हमारी सुनवाई नहीं होती और आवाज दबा दी जाती है। बोर्ड बैठक एक बार फिर हंगामेदार रही और पार्षदों की ओर से कई गंभीर मुद्दे उठाए गए और उन पर तत्काल कार्यवाही की मांग की गई। बैठक के दौरान पार्षदों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाये। पार्षदों ने इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाये। मथुरा में जल संग्रह महत्वपूर्ण विषय है जनपद में 70 प्रतिशत खारे पानी का क्षेत्र बहुत बड़ा है। 30 प्रतिशत क्षेत्र में पानी पीने योग्य है। जहां तक मकानों में दरार की समस्या है अधिकांश क्षेत्रों में लोगों के कनेक्शन टूटे हुए हैं। पानी का दोहन होने कारण मकानों में दरारें आ जाती हैं। नगर निगम द्वारा लाखों करोड़ों रुपए लगाकर पार्क बनवाए गए जिनकी देखरेख के लिए कोई भी कर्मचारी नियुक्त नहीं। इससे नगर निगम की जमीन घिरी जा रही है। बिल्डिंग मटेरियल के कारोबारी सड़कों को घेरे हुए है। भूमाफिया जमीनों को घेर रहे हैं। यमुना मिशन पिछले दिनों से काफी चर्चाओं में रहा है कुछ लोगों द्वारा नगर निगम की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। इसके साथ ही बिरला मंदिर के एसटीपी प्लांट से आने जाने वाले लोगों को बदबू का सामना करना पड़ रहा है। खादर में डूडा के मकान किस आधार पर बने हैं यह मुद्दा भी उठाया गया। कलेक्टर गंज की जमीन पर कब्जा चला आ रहा है लेकिन आज तक कब्जा मुक्त नही कराया गया है। बैठक में महापौर डा.मुकेश आर्य बंधु, नगर आयुक्त अनुनय झा, अपर नगर आयुक्त, समस्त सहायक नगर आयुक्त, मुख्य अभियन्ता सिविल, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, महाप्रबंधक जल, कर निर्धारण अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, समस्त सहायक अभियन्ता, सिविल, जल, विधियां, समस्त क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी, लेखाधिकारी, समस्त कर अधीक्षक, समस्त अवर अभियन्ता, सिविलध्जल,मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षक, समस्त सफाई एवं खाद्य निरीक्षक, नगर निगम मथुरा वृन्दावन एवं परियोजना अधिकारी, डूडा, मथुरा तथा परियोजना प्रबंधक, ड्रेनेज एवं सीवरेज इकाई, उत्तर प्रदेश जल निगम मथुरा द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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