
भारतीयों के लिए गर्व का पल – भारतीय मूल की डॉ. मुमताज पटेल को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियंस (RCP) का प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया है। वह इस पद तक पहुंचने वाली पहली इंडो-एशियन मुस्लिम महिला और कुल मिलाकर पांचवीं महिला अध्यक्ष हैं। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर दुनियाभर से उन्हें शुभकामनाएं मिल रही हैं और भारतीय समुदाय में खुशी की लहर है।
कौन हैं डॉ. मुमताज पटेल?
- डॉ. मुमताज पटेल का जन्म ब्रिटेन के लैंकाशायर में हुआ था।
- उनके माता-पिता मूल रूप से भारत से इंग्लैंड गए थे।
- फिलहाल वह मैनचेस्टर में एक अनुभवी कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत हैं।
- डॉ. पटेल RCP में इससे पहले सीनियर सेंसर और वाइस प्रेसिडेंट – एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के पदों पर भी कार्य कर चुकी हैं।
- वह वर्ष 2016 से NHS इंग्लैंड की पोस्टग्रेजुएट एसोसिएट डीन भी हैं।
- पिछले वर्ष से ही वह एक्टिंग प्रेसिडेंट के रूप में RCP का नेतृत्व कर रही थीं।
रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियंस (RCP) क्या है?
RCP ब्रिटेन का एक प्रसिद्ध मेडिकल प्रोफेशनल संगठन है, जिसमें दुनियाभर से 40,000 से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं। यह संस्थान डॉक्टरों के प्रशिक्षण, नैतिक मानकों और मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाता है।
डॉ. मुमताज पटेल का विज़न
प्रेसिडेंट बनने के बाद अपने बयान में डॉ. पटेल ने कहा:
“मेरा लक्ष्य है कि RCP को एक बेहतरीन और समावेशी संस्था बनाया जाए जो डॉक्टरों को हर स्तर पर सपोर्ट करे, ताकि मरीजों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। मैं अपने जुनून और मेहनत से इस भूमिका को निभाऊंगी। मैं अपने 20 वर्षों के अनुभव के साथ यह जिम्मेदारी संभाल रही हूं।”
सहयोगियों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं
- डॉ. डायना वाल्फोर्ड (RCP ट्रस्टी चेयर):
“डॉ. पटेल इस भूमिका को बड़ी जिम्मेदारी और प्रेरणा के साथ निभा रही हैं। हमें उन पर पूरा भरोसा है।” - डॉ. एंथनी मार्टिनेली और कैथरीन रोवन (रेजिडेंट डॉक्टर कमिटी):
“हम उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं।” - प्रोफेसर जुगदीप धेसी (ब्रिटिश जेरिएट्रिक्स सोसाइटी अध्यक्ष):
“डॉ. पटेल के सामने बड़ी जिम्मेदारी है। हमें उम्मीद है कि वह बुज़ुर्ग मरीजों की विशेष जरूरतों को समझते हुए निर्णायक नेतृत्व देंगी।”
एक प्रेरणादायक उपलब्धि
डॉ. मुमताज पटेल की यह उपलब्धि महिलाओं, खासकर एशियाई समुदाय की महिलाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने न सिर्फ मेडिकल क्षेत्र में अपने नाम की छाप छोड़ी है, बल्कि यह भी साबित किया है कि मेहनत, प्रतिबद्धता और नेतृत्व के साथ कोई भी ऊँचाई पाई जा सकती है।