
दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए MS Dhoni ने 30 रन बनाए, लेकिन इसके लिए उन्होंने 26 गेंदें लीं। इस मैच में चेन्नई सुपर किंग्स को 25 रनों से हार का सामना करना पड़ा। धोनी की खराब फॉर्म पर सवाल उठने लगे हैं, खासकर इस मैच के बाद। एमएस धोनी, जिन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स को अपनी कप्तानी में 5 बार चैंपियन बनाया, अब अपनी धीमी बल्लेबाजी के कारण आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं।
शनिवार को हुए इस मुकाबले में दिल्ली के खिलाफ धोनी जब बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, तब टीम को जीतने के लिए 56 गेंदों में 110 रन चाहिए थे। फैंस को उम्मीद थी कि धोनी इस मैच को अपने नाम करेंगे, खासकर जब उनके माता-पिता भी इस मैच को देखने स्टेडियम में मौजूद थे। लेकिन धोनी मैच को खत्म नहीं कर पाए। विजय शंकर ने नाबाद 69 रन बनाए, जबकि धोनी ने 26 गेंदों में केवल 30 रन बनाए।
एमएस धोनी की धीमी बल्लेबाजी को हार का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। खासकर जब आखिरी ओवरों में 115 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की जाती है, तो वह ठीक नहीं मानी जाती। सोशल मीडिया पर इस पर कई प्रतिक्रियाएं आईं, और धोनी के साथ खेल चुके पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने उन्हें कठोर शब्दों में सलाह दी कि उन्हें 2023 के बाद आईपीएल से संन्यास ले लेना चाहिए था।
मनोज तिवारी ने क्रिकबज पर बात करते हुए कहा, “अगर मैं कठोर हो जाऊं तो माफ करना, फैंस गुस्सा ना हो जाएं। लेकिन मेरे हिसाब से धोनी के लिए रिटायरमेंट का सही समय 2023 था, जब उनकी टीम ने खिताब जीता था। उसके बाद उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए था। मुझे लगता है कि जो सम्मान और नाम उन्होंने क्रिकेट से कमाया है, वह अब फैंस के लिए साकार नहीं हो पा रहा है। अब फैंस भी उन्हें उसी तरह से नहीं देख पा रहे, जैसे पहले देखते थे। पिछले मैच के बाद चेन्नई के फैंस का जो रिएक्शन था, उससे साफ समझा जा सकता है कि अब उन्हें नहीं खेलना चाहिए था।”
उन्होंने आगे कहा, “धोनी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोच फ्लेमिंग भी कह रहे हैं कि वह 10 ओवर से ज्यादा नहीं खेल सकते। मुझे ये समझ नहीं आता कि अगर आप 20 ओवरों तक फील्डिंग कर सकते हो, कीपिंग कर सकते हो, जहां आपको उठना, बैठना, डाइव मारना पड़ता है, तो आपके घुटनों में क्यों दिक्कत नहीं होती। लेकिन जब बल्लेबाजी का समय आता है, तो आप 10 ओवर की बात करते हो। मुझे लगता है कि धोनी को अब एक सशक्त निर्णय लेना चाहिए और अगर अब नहीं हो पा रहा है, तो उन्हें क्रिकेट छोड़ देना चाहिए।”