
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज सांसद जगदम्बिका पाल ने आज लोकसभा अध्यक्ष को चिली में आयोजित “थर्ड वर्ल्ड समिट ऑफ कमेटीज ऑफ द फ्यूचर” में अपनी भागीदारी से जुड़े अनुभव और सिफारिशों को लेकर धन्यवाद पत्र सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने अध्यक्ष महोदय के साथ चर्चा के दौरान भारत-चिली संबंधों को और प्रगाढ़ करने के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया।
जगदम्बिका पाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि 13-14 जनवरी 2025 को चिली की राजधानी सैंटियागो में आयोजित इस वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करना गर्व की बात थी। इस सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), डिजिटल कनेक्टिविटी, महासागर एवं अंतरिक्ष प्रबंधन सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
भारत-चिली सहयोग को और मजबूत करने की सिफारिशें –
श्री पाल ने लोकसभा अध्यक्ष को सुझाव देते हुए कहा कि चिली के साथ भारत के व्यापारिक सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। विशेष रूप से लिथियम और अन्य बहुमूल्य खनिज संपदा के क्षेत्र में भारत-चिली मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को शीघ्र अंतिम रूप देना आवश्यक है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को और गति मिलेगी।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चिली की संसद में भारत-चिली फ्रेंडशिप ग्रुप पहले से ही मौजूद है, ऐसे में भारत की संसद में भी ऐसा ही एक समूह गठित किया जाए। इससे दोनों देशों के संसदीय संबंध और मजबूत होंगे और द्विपक्षीय संसदीय प्रतिनिधि मंडलों के आदान-प्रदान का मार्ग प्रशस्त होगा। सम्मेलन की मुख्य उपलब्धियां श्री पाल ने अपने पत्र में सम्मेलन में भारत की भूमिका को विस्तार से बताते हुए कहा कि भारतीय संसदीय शिष्टमंडल ने विभिन्न सत्रों में भारत की उपलब्धियों और दृष्टिकोण को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर चर्चा –
भारत के AI मिशन और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया गया।
- सागर संरक्षण पर पैनल चर्चा –
भारत के समुद्री पारिस्थितिकी संरक्षण कानूनों और वैश्विक भागीदारी की भूमिका पर जोर दिया गया।
- अंतरिक्ष अनुसंधान –
भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
- डिजिटल सुरक्षा एवं डेटा संरक्षण –
डिजिटल युग में नैतिक और कानूनी चुनौतियों को रेखांकित किया गया।
भारतीय समुदाय के साथ संवाद और सांस्कृतिक गतिविधियां –
श्री पाल ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि चिली यात्रा के दौरान भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिला। इनमें “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम, महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि, और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद शामिल थे।
भारत-चिली संबंधों में नया अध्याय –
श्री पाल ने कहा कि यह यात्रा भारत-चिली द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में व्यापार, संसदीय सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे।











