
भोपाल : मध्य प्रदेश में किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जा रहा है। राजधानी भोपाल, जबलपुर समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर किसान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंप रहे हैं। इसके लिए किसान ट्रैक्टर रैली से पहुंच रहे हैं। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हम शहरों में दूध और सब्जियां तक बंद कर देंगे।
जबलपुर में किसान कृषि उपज मंडी से ट्रैक्टर रैली निकालकर घंटाघर पहुंचेंगे और अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। रैली को देखते हुए पुलिस ने घंटाघर क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सभा के बाद ट्रैक्टर रैली मंडी से शुरू होकर दमोह नाका, रानीताल, यातायात चौक, तीन पत्ती चौक और नौदरा ब्रिज से होती हुई घंटाघर पहुंचेगी। यहां कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आंदोलन समाप्त किया जाएगा।
इसी तरह टीकमगढ़ में भी किसानों ने दोपहर एक बजे रैली निकालना शुरू कर दिया है। किसान संघ के जिला मंत्री धनंजय पटेल ने बताया कि दोपहर 12 बजे किसान कृषि उपज मंडी में एकत्रित हुए हैं। इधर, भोपाल और उज्जैन में भी बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर एकत्रित हुए हैं और रैली निकालने की तैयारी कर रहे हैं। आगर-मालवा में किसान रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची।
वहीं, उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए किसानों की जमीनों के स्थायी अधिग्रहण के मामले को लेकर भारतीय किसान संघ ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में करीब 17 गांवों के किसानों की जमीनों का स्थायी अधिग्रहण को लेकर किसान और भारतीय किसान संघ आज प्रदेश भर में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा। उज्जैन के विरोध प्रदर्शन में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा भी शामिल हुए हैं। वहीं, मंगलवार को उज्जैन में करीब 500 से ज्यादा ट्रैक्टरों की रैली निकाली जाएगी।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमलसिंह आंजना ने बताया कि किसानों की मांगे हैं कि लैंड पूलिंग एक्ट को तत्काल वापस लिया जाए। यूरिया और डीएपी सहित खाद की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। खाद-बीज की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाई जाए। धान, गेहूं, मूंग और उड़द का रुका हुआ भुगतान किसानों को तुरंत दिया जाए। गेहूं 2700 रुपये और धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाए। जिले में तीन साल से अधिक समय से पदस्थ कृषि विभाग के अधिकारियों का ट्रांसफर हो और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह गांव से शहर में आने वाले दूध और सब्जी पर रोक लगा देंगे।