प्यासा है बुंदेलखंड… सांसद अनुराग शर्मा ने संसद में रखी मांग, जल समस्या का मांगा हल

  • झांसी-ललितपुर के सांसद अनुराग शर्मा ने संसद में उठाई जल संबंधी समस्याएं, बुंदेलखंड के लिए की महत्वपूर्ण माँगें
  • बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए सांसद अनुराग शर्मा ने संसद में किया केन-बेतवा लिंक परियोजना का जोरदार समर्थन
  • सांसद अनुराग शर्मा ने जल आपूर्ति और औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार से 75 मिलियन क्यूसेक पानी की व्यवस्था की मांग की”

झांसी। झांसी-ललितपुर के लोकप्रिय सांसद अनुराग शर्मा ने आज संसद भवन में बजट सत्र के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र की जल संबंधी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने सदन में बुंदेलखंड क्षेत्र की जल संकट की गंभीर स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और केंद्र सरकार से इस संकट के समाधान हेतु ठोस कदम उठाने की अपील की।

सांसद अनुराग शर्मा ने कहा, “मैं बुंदेलखंड से आता हूं, और सभी को यह पता है कि हमारा क्षेत्र लंबे समय से पानी की भारी कमी का सामना कर रहा है। यह समस्या केवल बुंदेलखंड के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक चुनौती बन चुकी है। लेकिन अब इस संकट के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है, और यह काम किसी और ने नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया है।”

सांसद अनुराग शर्मा ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने बुंदेलखंड के जल संकट को दूर करने के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना को पूरा किया, जो कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के स्वप्न को साकार करती है। यह परियोजना विश्व का सबसे बड़ा रिवर लिंक प्रोजेक्ट है, जो बुंदेलखंड के लिए ऐतिहासिक कदम साबित हो रहा है।

सांसद ने कहा, “यह परियोजना बुंदेलखंड की 10 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करेगी और लाखों परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगी। कई दशकों बाद, यह पहली बार हुआ है कि बुंदेलखंड के गांव-गांव, घर-घर और कस्बे-गांव में शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। इससे पहले किसी भी सरकार ने इस दिशा में इस तरह के प्रयास नहीं किए थे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभारी हूं कि उन्होंने इस दिशा में ठोस कदम उठाए और बुंदेलखंड के लोगों की प्यास बुझाने का काम किया।”

सांसद अनुराग शर्मा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में झांसी में औद्योगिक विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA) का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो नोएडा की तर्ज पर स्थापित किया जाएगा। इस प्राधिकरण से झांसी और आसपास के क्षेत्रों में औद्योगीकरण को गति मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने कहा, “अब हम केंद्र सरकार से यह अनुरोध करते हैं कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA) के क्षेत्र में 75 मिलियन क्यूसेक पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इससे उद्योगों को पानी की निरंतर आपूर्ति मिलेगी और औद्योगीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी। यह बुंदेलखंड के लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा और क्षेत्र में पलायन की समस्या को हल करने में मदद करेगा।”

लिफ्ट कैनाल परियोजना और जल आपूर्ति

सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र के जल आपूर्ति के लिए एक विशेष परियोजना का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, “झांसी-ललितपुर के टहरौली क्षेत्र में लगभग 1 लाख लोग निवास करते हैं, और यहां से कुछ ही दूरी पर बेतवा नदी और परीछा डैम स्थित हैं। हम चाहते हैं कि वहां से लिफ्ट कैनाल परियोजना संचालित की जाए, जिससे 1 लाख परिवारों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इस परियोजना का अनुमानित खर्च लगभग 300 से 350 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही, यदि सोलर पंपों की व्यवस्था की जाती है, तो इससे कृषि क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा और जल आपूर्ति की स्थिति में स्थायित्व आएगा।”

जल संरक्षण की दिशा में बुंदेलखंड में किए जा रहे प्रयास

सांसद ने जल संरक्षण के क्षेत्र में बुंदेलखंड के योगदान को भी विशेष रूप से उल्लेखित किया। उन्होंने कहा, “बुंदेलखंड में जल संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हमारी क्षेत्रीय जल सखियाँ, जैसे कि शारदा वंशकार जी और गीता देवी जी, जिन्होंने जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया, उन्हें राष्ट्रपति जी द्वारा जल सखी के रूप में सम्मानित किया गया है। यह बुंदेलखंड के लिए गर्व की बात है।”

उन्होंने साथ ही यह भी मांग की कि जल संरक्षण में विशेष योगदान देने वाली महिलाओं को उचित मानदेय दिया जाए, जिससे उन्हें वित्तीय सहायता मिल सके और वे अपने कार्य को और बेहतर तरीके से कर सकें।

तालाबों और डेमो का संरक्षण

सांसद ने यह भी सुझाव दिया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में मौजूद प्राचीन तालाबों और डेमो की सफाई और संरक्षण का कार्य भी शुरू किया जाए। उन्होंने कहा, “बुंदेलखंड में लगभग 6000 से अधिक तालाब और बावड़ियाँ बनाई गई थीं, जिनकी सफाई और रख-रखाव का कार्य यदि शुरू किया जाए, तो इससे जल संकट पर महत्वपूर्ण असर पड़ेगा। विशेष रूप से झांसी लोकसभा क्षेत्र में स्थित चार प्रमुख डेमो जैसे- पहुंच डैम, राजघाट डेम, पारीछा डैम, सुकुवां-ढुकुवां डेम की सफाई और डी सिल्टिंग का कार्य यदि शुरू किया जाए, तो यह क्षेत्र को जल संकट से मुक्त करने में सहायक होगा।”

ललितपुर का गोविंद सागर डैम और जल आपूर्ति:

सांसद ने अंत में ललितपुर के गोविंद सागर डेम से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, “यदि जाखलौन कैनाल से ललितपुर के डैम को जोड़ने का कार्य किया जाता है, तो यह डेम सदैव भरा रहेगा और क्षेत्र की जलापूर्ति की स्थिति में काफी सुधार होगा।

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