
खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ग्राम सिहाड़ा में वक्फ दरगाह पीर मोजा के आसपास की 39 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर कब्जा कर बनाए गए मकान, दुकान और प्रवेश द्वार को जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण से मुक्त करा लिया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जिला प्रशासन ने मंगलवार को यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।
एसडीएम ऋषि सिंघई ने बताया कि दरगाह परिसर के भीतर मौजूद एक मकान, एक दुकान और प्रवेश द्वार को तोड़ने की कार्रवाई की है। दरगाह परिसर में स्थित मदरसा की बिल्डिंग को यथावत रखने का फैसला लिया गया है। इसे ग्राम पंचायत के सुपुर्द किया गया है। यह मदरसा सरकारी फंड से बना हुआ है। इसकी जांच की जाएगी कि मदरसे का कितना हिस्सा सरकारी और अवैध बना हुआ है। इसके बाद अवैध हिस्से को तोड़ा जाएगा। सरपंच को निर्देश दिए हैं कि वे मदरसे की इमारत को अपने आधिपत्य में लेकर उसकी रंगाई-पुताई कराएं।
इसके बाद मकान का ताला तोड़कर पंचायत ने उसे अपने कब्जे में लिया। मौके पर मौजूद सरपंच कोकिला चौहान के बेटे ने दीवारों पर भगवा रंग लगवा दिया। इस पर अधिकारियों ने आपत्ति की। इसके बाद गुलाबी रंग से पुताई कराई गई।
पिछले माह ही ग्राम पंचायत ने दरगाह के आसपास की जमीन पर से अतिक्रमण को हटाए जाने के लिए जिला प्रशासन को आवेदन दिया था। इसी दौरान स्थानीय वफ्फ कमेटी ने भोपाल वक्फ ट्रिब्यूनल में गांव में बनी इस दरगाह, इमामबाड़ा और ईदगाह की संपत्ति को वफ्फ की संपत्ति होने का दावा किया था, लेकिन यह पूरी सम्पत्तियां और गांव की संपत्ति एक ही रकबे में दर्ज होने के चलते इस पूरे गांव पर ही वफ्फ की संपत्ति होने का दावा मान लिया गया था। इसके बाद इसको लेकर वफ्फ ट्रिब्यूनल बोर्ड भोपाल में दोनों पक्षों को 10 नवंबर को सुनवाई के लिए बुलवाया था। फिलहाल इस मामले में भोपाल वक्फ ट्रिब्यूनल बोर्ड की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं आया है।
ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि हेमंत सिंह चौहान ने बताया कि इस स्थान पर ग्राम पंचायत द्वारा मार्केट बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। लेकिन कुछ लोगों द्वारा इसे वक्फ संपत्ति बताकर इस पर निर्माण कार्य को रुकवाने की बात कही गई। इसको लेकर हमारी गुहार पर तहसीलदार के जारी नोटिस के जवाब में वे लोग दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। वे लोग इसको लेकर भोपाल ट्रिब्यूनल में चले गए। इसके बाद हमने जिला प्रशासन को अतिक्रमण की शिकायत की थी, जिस पर आज कार्रवाई की गई। अब आगे यहां मार्किट बनाकर उससे ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे। यहां गांव के मुस्लिम समाज के सामुदायिक भवन में एक मदरसा भी चल रहा था जोकि अवैद्ध रूप से संचालित होता था।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का विरोध कर रहे जिला वक्फ कमेटी के सचिव रियाज खान ने बताया कि यह पूरी संपत्ति ग्राम सिहाड़ा की एक दरगाह के नाम वक्फ रजिस्टर में दर्ज है। जो कि 650 बाई 60 वर्ग फुट में है। लेकिन उस पर गांव के सरपंच द्वारा दुकान बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसको लेकर वक्फ कमेटी के द्वारा ट्रिब्यूनल में मामला ले जाया गया है। यह मामला 8 तारीख में खारिज होकर ट्रिब्यूनल में गया था। जिसको लेकर आज हमें संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करवाना था, लेकिन इसके पूर्व ही जिला प्रशासन द्वारा संपत्ति को शासकीय बताकर यहां पर बना निर्माण तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है।
यही नहीं, यह सम्पत्ति वक्फ के रिकॉर्ड और गजट नोटिफिकेशन में भी दर्ज है। बावजूद इसके हमे नोटिस दिए बगैर जिला प्रशासन ने यह पूरी कार्रवाई अंजाम दी है। वक्फ के जिलाध्यक्ष रूआब पठान का कहना है कि ग्राम पंचायत के नोटिस को हमने वक्फ बोर्ड भोपाल में चुनौती दी थी। वक्फ बोर्ड ने धारा 54 के तहत लगी याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होने के बाद हमने मप्र वक्फ न्याय अधिकरण भोपाल में अपील की है। ट्रिब्यूनल के फैसले से पहले ही प्रशासन ने कार्रवाई कर दी। हमें ट्रिब्यूनल के फैसले का इंतजार है।
मामले में खंडवा एसडीएम बजरंग बहादुर ने बताया कि ग्राम सिहाड़ा में कुछ लोगों ने शासकीय संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया था, जिस पर से आज जिला प्रशासन की टीम के द्वारा अतिक्रमण हटाकर उसे वापस कब्जे में लिया गया है। खंडवा सीएसपी अभिनव बारंगे ने बताया कि ग्राम सिहाड़ा में अतिक्रमण की शिकायत पर पुलिस बल पहुंचा था। यहां करीब छह थानों का बल लगाया गया है। हालांकि पुलिस को किसी तरह के विरोध का सामना करना नहीं पड़ा और यह पूरी करवाई शांतिपूर्वक की गई।










