
लखीमपुर खीरी। मातृ दिवस के अवसर पर जब हर कोई मां की ममता को शब्दों में समेटने की कोशिश कर रहा था, तब लखीमपुर खीरी से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने “मां” शब्द की गहराई को और भी अधिक सजीव कर दिया। यह तस्वीर कोतवाली सदर में तैनात महिला कांस्टेबल प्रियंका शुक्ला की है, जिन्होंने ड्यूटी और मातृत्व—दोनों जिम्मेदारियों को एक साथ निभाकर एक नई मिसाल पेश की है।
2019 बैच की कांस्टेबल प्रियंका शुक्ला वर्तमान में कोतवाली सदर में कार्यरत हैं। मातृत्व का यह सफर उनके लिए तब और भी खास बन गया जब ढाई साल की मासूम बेटी यशिका शुक्ला को उन्होंने अपने कंधे से लगाए ड्यूटी निभाते देखा गया। यह दृश्य न केवल भावुक कर देने वाला था, बल्कि हर उस महिला के लिए प्रेरणास्रोत बन गया जो अपने पेशेवर जीवन और पारिवारिक दायित्वों के बीच संतुलन साधने की कोशिश में लगी रहती हैं।
प्रियंका बताती हैं कि उनकी शादी 2020 में गोविंद शुक्ला से हुई थी, जो फर्रुखाबाद में एक बेसिक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। प्रियंका का मायका भी फर्रुखाबाद में ही है, जिससे परिवार से संपर्क बना रहता है। वह कहती हैं, “बच्चे की देखभाल और ड्यूटी दोनों को निभाना कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो जाता है, लेकिन कोतवाली प्रभारी हेमंत राय का सहयोग हमेशा मिलता है। वे बहुत अच्छे अधिकारी हैं और उन्होंने मेरी स्थिति को समझते हुए मुझे बाहर की ड्यूटी से राहत दी है।”
प्रियंका शुक्ला की कोशिश रहती है कि वह न तो अपनी बच्ची की परवरिश में कोई कमी आने दें और न ही वर्दी के साथ किए गए कर्तव्यों में। यही समर्पण उन्हें एक सशक्त महिला, एक जिम्मेदार पुलिसकर्मी और एक ममतामयी मां बनाता है।
इस मातृ दिवस पर प्रियंका शुक्ला जैसी महिलाएं समाज के लिए एक प्रेरणा हैं। वे हमें यह याद दिलाती हैं कि ममता वर्दी के नीचे भी धड़कती है, और एक मां कहीं भी, किसी भी रूप में अपने बच्चे के लिए सबसे बड़ा संबल होती है।
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