माँ बच्चों की प्रथम पाठशाला

भास्कर समाचार सेवा

जसवंतनगर/इटावा। मां बच्चे की प्रथम पाठशाला होती है। इस नन्हे मुन्नों की प्रथम पाठशाला के सम्मान के लिए उनकी जीवन की अगली पाठशाला चौ. सुघर सिंह पब्लिक स्कूल में मदर्स डे मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के प्रबंध निदेशक अनुज मोंटी यादव द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके और माल्यार्पण करके की गई। इसके उपरांत सभी माताओं के तिलक वंदन के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर पिछले सत्र में हिंदी और इंग्लिश मीडियम में नर्सरी से कक्षा आठ तक टॉपर रहे बच्चों को उनकी माताओं के द्वारा मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर हौसला बढ़ाया गया। कार्यक्रम में बच्चों ने वृद्धाश्रम में छोड़े जाने की हकीकत, उम्र बढ़ने के साथ अपने माता पिता को नासमझ समझना, सफल होने के बाद अपनी मां को सार्वजनिक स्थानों पर पहचान करवाने में शर्म महसूस करने जैसे दृश्यों पर बेहतरीन एक्ट करके बच्चों ने सभी को भावुक कर दिया और सबकी वाहवाही लूटी। इसके साथ ही मुझे माफ़ करना, चक धूम धूम, आई लव माई मम्मी जैसे गानों पर नन्हे नन्हे बच्चों के नृत्यों ने सबका दिल जीत लिया।
कार्यक्रम के अंत मे सभी माताओं के पब्लिक स्कूल के स्टाफ द्वारा पीताम्बर पट्टिका पहनाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सबसे भावुके करने वाला क्षण तब रहा जब सभी बच्चों ने अपनी अपनी माँ को क्राउन पहनाकर उन्हें उनकी ज़िंदगी की रानी बनने का अहसास कराया। इस अवसर पर अनुज यादव ने कहा कि बदलते वक्त के साथ साथ बच्चे अपने माता पिता से उम्र बढ़ने के साथ दूर होने लगते हैं और उन्हें खुद पर बोझ समझने लगते हैं इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में उस भावना को हमेशा बनाये रखना था जिससे वो अपने माता पिता का हमेशा सम्मान करते रहे और उन्हें यह अहसास रहे कि उन्हें जीवन भर उनके साथ रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका शल्या शाक्य और आकांक्षा चौहान ने किया तथा समस्त पब्लिक स्कूल स्टाफ शिक्षिकाएं उपस्तिथ रहीं।

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