
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। एक शिक्षक, तनवीर हसन जैदी, पिछले 15 वर्षों से स्कूल नहीं गया, लेकिन लगातार वेतन उठाता रहा। वह खुद को डीएम कार्यालय में स्टेनो बताकर वहीं काम करता रहा, जबकि उसकी असली पोस्टिंग ब्लॉक मुरादाबाद ग्रामीण के ठीकरी प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर थी।
वर्ष 2010 में, तत्कालीन जिलाधिकारी सुभाष चंद्र शर्मा ने जैदी को कुछ दिनों के लिए डीएम कैंप कार्यालय से अस्थायी रूप से अटैच किया था। लेकिन जैदी ने इस अस्थायी अटैचमेंट को स्थायी मान लिया और फिर कभी स्कूल नहीं लौटा।
यह मामला आरटीआई कार्यकर्ता अभिषेक गौड़ की सूचना के जरिए उजागर हुआ। अभिषेक, चंदौसी के निवासी हैं। जनसूचना में यह भी सामने आया कि जैदी की नियुक्ति वर्ष 2005 में मृतक आश्रित कोटे के तहत हुई थी। शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड में उसकी उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज होती रही, जबकि वह वास्तव में स्कूल गया ही नहीं।
मामला सामने आने के बाद तनवीर हसन जैदी मेडिकल लीव पर चला गया है।