Moradabad : किसी के सिर की हड्डियां टूटीं, किसी का शरीर चकनाचूर, डॉक्टर भी सन्न, सड़क हादसे में छह की दर्दनाक मौत

Moradabad : दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर रविवार दोपहर हुए भयावह सड़क हादसे में मां-बेटी समेत छह लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद रात भर चले पोस्टमार्टम में ऐसी स्थितियां सामने आईं, जिन्हें देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। किसी के सिर की हड्डियां टूटी थीं तो किसी का शरीर पूरी तरह चकनाचूर हो चुका था।

डीएम के आदेश पर रविवार रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक दो डॉक्टरों की टीम ने छह शवों का पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट में सामने आया कि सीमा, सुमन और ऑटो चालक संजू की मौत सिर की हड्डियां टूटने और अत्यधिक खून बहने के कारण हुई। जबकि अनाया, अभय और आरती के कई अंग क्षतिग्रस्त पाए गए और पूरा शरीर बुरी तरह चकनाचूर था।

कुंदरकी के अब्दुल्लापुर निवासी करन सिंह अपने परिजनों के साथ गांव के ही ऑटो चालक संजू के ऑटो से रफातपुर में शादी समारोह में जा रहे थे। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जैसे ही ऑटो अंडरपास के करीब पहुंचा, मेरठ डिपो की रोडवेज बस ने पीछे से जबरदस्त टक्कर मार दी।

हादसे में ऑटो चालक संजू सिंह (36), करन सिंह की पत्नी सीमा (40), बेटी अनाया (12), भतीजा अभय (15), बहन सुमन (24) (जो सात माह की गर्भवती थीं), और चचेरे भाई की बेटी आरती (20) की मौत हो गई।

पांच लोग गंभीर रूप से घायल

करन सिंह, उनकी भतीजी झलक (15), अंशु (18), दिनेश की बेटी अनुष्का (9) और मुरारी की बेटी रानी (17) गंभीर रूप से घायल हैं और अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

घायल करन सिंह के भाई चमन की तहरीर पर कटघर थाने में बस चालक के खिलाफ बीएनएस की धारा 281, 125 (बी) और 106 (1) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। हादसे के बाद बस चालक मौके से फरार हो गया।

एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि सभी शव सुबह चार बजे परिजनों को सौंप दिए गए, और बस चालक की तलाश की जा रही है।

भाजपा विधायक रामवीर सिंह ने अब्दुल्लापुर पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के बाद सभी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये, जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

अब्दुल्लापुर गांव के लोग सोमवार को पांच शवों की अंतिम यात्रा लेकर जब रामगंगा किनारे श्मशान पहुँचे, तो उन्हें करीब एक किलोमीटर कच्चे रास्ते और खेतों से होकर गुजरना पड़ा। ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जाने के लिए रास्ते को रोटावेटर से समतल करना पड़ा।

स्थानीय लोगों ने श्मशान घाट की जमीन और चकरोड को कब्जा मुक्त कराने की मांग उठाई। मौके पर मौजूद लेखपाल मोहम्मद फैजान ने आश्वासन दिया कि जल्द ही राजस्व अभिलेख के आधार पर भूमि को चिह्नित कर समस्या हल की जाएगी।

सपा विधायक हाजी मोहम्मद रिजवान, आजाद समाज पार्टी, एआईएमआईएम, जिला पंचायत सदस्यों समेत कई जनप्रतिनिधियों ने मृतकों के घर जाकर परिजनों से संवेदना प्रकट की।

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