मुरादाबाद : टीएमयू में सनसनीखेज खुलासे-लाखों की हेराफेरी, हत्या और आत्महत्या की घटनाएं

मुरादाबाद। दिल्ली रोड पर स्थित तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (टीएमयू) इन दिनों एक के बाद एक सनसनीखेज घटनाओं के कारण सुर्खियों में है। यूनिवर्सिटी के खाते में लाखों रुपये की हेराफेरी से लेकर परिसर में हत्या और आत्महत्या की रहस्यमयी घटनाओं ने प्रशासन, छात्रों और स्थानीय लोगों के बीच हड़कंप मचा दिया है। इन घटनाओं ने यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यूनिवर्सिटी के खाते में सेंध : कर्मचारियों ने की लाखों की हेराफेरी

पाकबड़ा थाना क्षेत्र में स्थित टीएमयू के बैंक खाते में सेंधमारी का एक बड़ा मामला सामने आया है। यूनिवर्सिटी के तीन कर्मचारियों नितिन (पिता साहब सिंह, गौतम पार्क, मझोला), जसवरी (गांव समाथल, पाकबड़ा), और विशाल (पिता खेमपाल, मनोहरपुर, मझोला) पर आरोप है कि उन्होंने 13 जून 2025 को सिविल लाइंस स्थित एक्सिस बैंक के खाता संख्या 918010022867572 से अवैध रूप से लाखों रुपये का ट्रांजैक्शन किया। यूनिवर्सिटी के पीआरओ डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, 7 से 8 लाख रुपये की हेराफेरी की गई है, हालांकि सटीक राशि का आकलन करने के लिए एक विशेष टीम डेटा एकत्र कर रही है।

डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि यह तीनों कर्मचारी यूनिवर्सिटी के ही स्टाफ का हिस्सा थे, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो जाता है। न्यू वायज फैकल्टी इंचार्ज अवनेश सिंह ने पाकबड़ा थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं के साथ-साथ साइबर अपराध के तहत आईटी एक्ट की धाराएं जोड़कर जांच शुरू कर दी है।

पाकबड़ा थाना प्रभारी ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश में क्राइम ब्रांच और थाने के तेज-तर्रार पुलिसकर्मियों की टीमें गठित की गई हैं। “हम लगातार छापेमारी कर रहे हैं, और जल्द ही इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा,” इंस्पेक्टर ने दावा किया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी इस मामले में पारदर्शिता बरतने का वादा किया है और हेराफेरी की पूरी राशि का हिसाब लगाने के लिए एक आंतरिक जांच कमेटी गठित की है।

हत्या और आत्महत्या की रहस्यमयी घटनाएं

वित्तीय घोटाले के अलावा, टीएमयू परिसर और इसके आसपास हत्या और आत्महत्या की कई घटनाएं भी चर्चा में रही हैं। हाल के वर्षों में, यूनिवर्सिटी से जुड़े छात्रों और कर्मचारियों से संबंधित ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिन्हें लेकर स्थानीय समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई। ये मामले या तो हत्या के रूप में दर्ज किए गए या आत्महत्या के रूप में सामने आए, लेकिन कई मामलों में सच्चाई अब तक रहस्य बनी हुई है।

स्थानीय लोगों और छात्र संगठनों ने इन घटनाओं पर चिंता जताई है और यूनिवर्सिटी प्रशासन से परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है। कुछ मामलों में पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन कई घटनाओं में ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सका है। इन घटनाओं के विशिष्ट विवरण, जैसे तारीखें, पीड़ितों के नाम, या परिस्थितियां, अभी तक सार्वजनिक रूप से स्पष्ट नहीं हैं, जिसके कारण इन मामलों को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

यूनिवर्सिटी प्रशासन इन सभी घटनाओं को लेकर गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है। वित्तीय हेराफेरी के मामले में, प्रशासन ने न केवल पुलिस में शिकायत दर्ज की, बल्कि एक आंतरिक जांच समिति भी बनाई है, जो निकाली गई रकम का हिसाब-किताब कर रही है। डॉ. एमपी सिंह ने कहा, “हम इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरतेंगे और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।”

पुलिस ने भी अपनी सक्रियता दिखाई है। हेराफेरी के मामले में तीनों फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। इसके अलावा, हत्या और आत्महत्या की घटनाओं की जांच के लिए संबंधित थानों में मामले दर्ज हैं, हालांकि इनमें प्रगति धीमी रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कुछ मामलों में फॉरेंसिक और अन्य सबूतों की कमी के कारण जांच में देरी हो रही है।

यूनिवर्सिटी की छवि पर सवाल

टीएमयू में एक साथ इतनी गंभीर घटनाओं का सामने आना यूनिवर्सिटी की छवि और विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। छात्रों, अभिभावकों और स्थानीय लोगों में डर और असंतोष का माहौल है। यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों का कहना है कि परिसर में सुरक्षा और पारदर्शिता की कमी के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि यूनिवर्सिटी में कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं और सभी घटनाओं की निष्पक्ष जांच हो। दूसरी ओर, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि वह इन मामलों को गंभीरता से ले रहा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

आगे क्या?

टीएमयू में लगातार सामने आ रही इन घटनाओं ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। वित्तीय घोटाले की जांच, फरार कर्मचारियों की गिरफ्तारी, और हत्या-आत्महत्या की घटनाओं का सच सामने लाना अब पुलिस और यूनिवर्सिटी की प्राथमिकता है। इन मामलों का निपटारा और परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का मजबूत होना ही यूनिवर्सिटी की खोई हुई साख को वापस ला सकता है।

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