Moradabad : प्राकृतिक आपदा का कहर, मुड़िया गांव में बाढ़ की लहरों ने ले ली छह लोगों की जान

Moradabad : देवभूमि की शांत वादियों में तबाही का ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने मुरादाबाद जनपद को झकझोर कर रख दिया। बिलारी थाना क्षेत्र के ग्राम मुड़िया से मजदूरी करने और काम करने निकले ग्रामीणों का काफिला अचानक आई प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया। हरिद्वार से देहरादून की ओर बढ़ रहे ये लोग पहाड़ों के बीच पहुंचे ही थे कि अचानक आसमान से मौत बरसी। भीषण गर्जना के साथ बादल फटा और कुछ ही पलों में तेज रफ्तार पानी और मलबे ने सब कुछ तबाह कर दिया।बाढ़ की रौद्र लहरें इतनी तेज थीं कि ग्रामीणों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। पानी की धाराओं ने उन्हें पलभर में बहा दिया।

इस भीषण आपदा ने मुड़िया गांव के छह लोगों की सांसें छीन लीं। मृतकों में गांव के मदन, नरेश, हरचरण, सोमवती, हिना और किरण शामिल हैं। पानी के सैलाब ने इन्हें मौत की गहरी खाई में धकेल दिया। उनके शव भीषण संघर्ष के बाद बरामद किए जा सके। वहीं गांव के तीन लोग अब भी लापता हैं। परिजन अब उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं जबकि प्रशासन लगातार खोजबीन में जुटा हुआ है।ग्राम मुड़िया में इस घटना की खबर पहुंचते ही मातम का ऐसा सैलाब उमड़ा जिसने पूरे गांव को दहला दिया। हर घर से चीख-पुकार की आवाजें उठने लगीं। जहां सुबह तक उम्मीद और खुशियों की बातें थीं, वहां शाम होते-होते केवल मातम, रोना और चीत्कार रह गया।

गांव के गलियों में सिर्फ आंसुओं का समंदर बह रहा है।एसडीएम बिलारी विनय कुमार ने बताया कि अब तक छह ग्रामीणों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि तीन की तलाश अभी भी जारी है। ये सभी लोग मजदूरी करने के उद्देश्य से देवभूमि गए थे लेकिन अचानक आई तबाही ने उनके जीवन की डोर काट दी।भाजपा नेता सुरेश सैनी ने आरोप में बताया कि मृतक सभी लेबर क्लास से थे। वे देहरादून से आगे खनन के कार्य के लिए जा रहे थे। तभी अचानक पीछे से बादल फटने की भयानक घटना घटी और मौत की तेज धाराओं में ये लोग बह गए। सूचना के अनुसार छह शव बरामद हुए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हृदय विदारक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

साथ ही पार्थिव शरीर को उनके घर तक पहुंचाने के निर्देश दिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पीड़ित परिवारों तक राहत राशि तुरंत पहुंचाई जाए।ग्राम मुड़िया का हर कोना इस वक्त शोकाकुल है। इस त्रासदी ने गांव के लोगों को अंदर तक तोड़ दिया है। कहीं बेटे की लाश मां के आंसुओं में भीग रही है तो कहीं पत्नी अपने पति की मौत पर बेसुध होकर गिर रही है। पूरे इलाके में बस यही चर्चा है कि मजदूरी और दो वक्त की रोटी की तलाश में निकले ग्रामीणों ने यह कभी नहीं सोचा होगा कि उनके कदम उन्हें सीधे मौत की आगोश में ले जाएंगे।देवभूमि की धरती पर आया यह सैलाब मुरादाबाद के मुड़िया गांव के लिए एक ऐसी काली रात साबित हुआ है जो शायद कभी खत्म नहीं होगी।

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