
Moradabad : मुरादाबाद जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के मानपुर मोहल्ले में शनिवार की शाम दिल दहला देने वाली घटना हुई। 11 वर्षीय कृष्णा ने घर में बेल्ट से फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। मां जैसे ही काम से लौटी और दरवाजा खोला, सामने का दृश्य देखकर उसकी चीख निकल पड़ी। मासूम फंदे से लटका हुआ था।
बता दें कि कृष्णा हिंदू मॉडल कॉलेज का छात्र था और कक्षा 6 में पढ़ता था। मोहल्ले में उसे होशियार और चंचल बच्चा माना जाता था। रोज की तरह शनिवार को भी उसकी मां काम पर गई थी। जाने से पहले उसने बेटे को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी और कमरे पर ताला लगाकर चली गई। जब शाम को लगभग छह बजे वह लौटी तो दरवाजा खोलते ही बेटे की लाश सामने देख उसकी हालत बिगड़ गई। शोर मचने पर पड़ोसी और मकान मालिक मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
मां ने बताया कि कुछ दिन पहले ही कृष्णा के पिता ने शराब के नशे में उसकी पिटाई की थी। शनिवार को भी कपड़े गंदे करने पर उसे डांट पड़ी थी और गुस्से में मां ने कमरे पर ताला लगाकर काम पर जाने का फैसला किया था। लेकिन लौटकर जो मंजर देखा, उसने पूरी ज़िंदगी को उजाड़ दिया।कृष्णा के मामा अजय ने रोते हुए कहा कि वे उसके लिए मिठाई लेकर आए थे। पूरे दिन उसके घर लौटने का इंतजार करते रहे लेकिन जब पहुंचे तो यह दर्दनाक खबर मिली।
उन्होंने कहा कि यकीन ही नहीं होता कि इतना छोटा बच्चा इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकता है। मोहल्ले में मातम का माहौल है। पड़ोसी बताते हैं कि कृष्णा गली का सबसे चंचल और प्यारा बच्चा था। उसके जाने से पूरे इलाके में सन्नाटा फैल गया है। बच्चे सहमे हुए हैं और बड़े लोग गहरे सदमे में हैं।सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि परिजनों के बयानों और परिस्थितियों के आधार पर पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।
इस घटना ने समाज और परिवारिक रिश्तों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर क्यों घर का तनाव मासूम बच्चों की जान ले रहा है? क्यों माता-पिता बच्चों की मानसिक पीड़ा को समझ नहीं पा रहे? कृष्णा की मौत ने न सिर्फ उसके परिवार बल्कि पूरे मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया है।
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