Moradabad : एमडीए क्लर्क पर नक्शा पास के नाम पर 2 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप, निर्माण ध्वस्त होने पर पीड़ित ने सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई

Moradabad : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त ‘जीरो टॉलरेंस’ भ्रष्टाचार नीति के बावजूद मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) में भ्रष्टाचार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। पाकबड़ा थाना क्षेत्र के इटायला माफी गांव के निवासी आसिम ने आरोप लगाया है कि एमडीए में तैनात क्लर्क इंद्रपाल और उनके साथी परम ने उनकी निजी जमीन पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराने के नाम पर दो लाख रुपये रिश्वत ली, लेकिन नक्शा पास नहीं हुआ और निर्माण को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।

आसिम ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन पर घर बनवाने के लिए पहले इंद्रपाल को 5 दिसंबर को एक लाख रुपये नकद दिए, जबकि कुछ दिनों बाद परम को दूसरा एक लाख रुपये सौंपा। क्लर्क के निर्देश पर निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन 19 दिसंबर को एमडीए की टीम ने अचानक निर्माणाधीन भवन को जमींदोज कर दिया।

पीड़ित ने बताया कि जब उन्होंने ध्वस्तीकरण टीम को रिश्वत देने और क्लर्क का नाम बताया, तो किसी ने ध्यान नहीं दिया और सिर्फ ऑफिस आने को कहा। निराश होकर आसिम ने मुरादाबाद कमिश्नर, एमडीए वाइस चेयरमैन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि क्लर्क से हुई पूरी बातचीत का ऑडियो रिकॉर्डिंग उनके पास सुरक्षित है।

एमडीए क्लर्क इंद्रपाल ने आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप आधारहीन हैं और उन्होंने कोई रिश्वत नहीं ली। मामला एमडीए में नक्शा पास कराने के नाम पर चल रहे कथित भ्रष्टाचार की पोल खोलता है। पीड़ित ने उच्च अधिकारियों से मामले की गहन जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल जांच जारी है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक शिकायत या एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

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