
Moradabad : सिविल लाइंस स्थित सपा कार्यालय अब प्रशासन की सख्ती के घेरे में आ गया है। जिला प्रशासन ने सपा कार्यालय को दो सप्ताह के भीतर खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। यह आदेश पिछले 1 अगस्त को कार्यालय के आवंटन निरस्त करने के बाद आया है और अब इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
सपा कार्यालय, जो कोठी संख्या-4 के नाम से जाना जाता है, 13 जुलाई 1994 को तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नाम 250 रुपये मासिक किराये पर आवंटित किया गया था। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद इस भवन का नामांतरण सपा द्वारा नहीं किया गया, जिससे अब प्रशासन ने इसे कब्ज़ा लेने का औपचारिक कदम बना दिया है।
एडीएम वित्त ममता मालवीय ने सपा जिलाध्यक्ष को पूर्व में भेजे गए नोटिस में साफ कहा था कि भवन को एक महीने के भीतर खाली कर जिला प्रशासन को सौंपें, अन्यथा प्रतिदिन एक हजार रुपये का हर्जाना वसूला जाएगा।
सत्य यह है कि शासनादेश के अनुसार किसी भी आवासीय या व्यवसायिक भवन का आवंटन 15 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि उक्त सपा भवन को 30 साल से अधिक समय हो चुका है। यही कारण है कि अब प्रशासन ने कार्रवाई का निर्णय लिया और भवन को नगर निगम के कब्ज़े में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह ने बताया कि प्रशासन की ओर से प्राप्त नोटिस पर विधिक सलाह ली जा रही है और जल्द ही इसका औपचारिक जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी स्थिति का मूल्यांकन कर रही है और कानूनी मार्ग अपनाएगी।
मुरादाबाद में इस आदेश के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शहर के राजनीतिक समीकरणों पर इस फैसले का सीधा असर पड़ सकता है। प्रशासन और सपा के बीच संभावित टकराव की आशंका भी जताई जा रही है।
यह मामला मुरादाबाद के राजनीतिक इतिहास में एक संकेतक घटना के रूप में देखा जा रहा है, जो बताता है कि प्रशासन किसी भी अनियमितता पर कैसे सख्ती दिखा सकता है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि सपा किस तरह इस नोटिस का जवाब देती है और भवन के भविष्य को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं।
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