
Moradabad : इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। थाना पाकबड़ा क्षेत्र स्थित जामिया असानुल बनात गर्ल्स मदरसा में 13 वर्षीय छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट यानी कौमार्य प्रमाणपत्र मांगे जाने का मामला उजागर हुआ है। सातवीं से आठवीं कक्षा में एडमिशन के नाम पर इस तरह की घिनौनी और असंवेदनशील मांग ने न सिर्फ परिजनों को हिला दिया, बल्कि पूरे प्रदेश में गुस्से की लहर दौड़ा दी है।
परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने मदरसे से यह सुना कि प्रवेश से पहले बच्ची का कौमार्य प्रमाणपत्र लाना होगा, तो वे दंग रह गए। उन्होंने तुरंत थाना पाकबड़ा पहुंचकर पुलिस को पूरी बात बताई। पुलिस ने बिना देर किए मदरसे की प्रिंसिपल, एडमिशन सेल इंचार्ज शाहजहां और अन्य स्टाफ के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। इंचार्ज शाहजहां को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है, जबकि बाकी आरोपियों से पूछताछ जारी है।
यह मामला जैसे ही प्रदेश सरकार के संज्ञान में पहुंचा, पूरा प्रशासन हरकत में आ गया। जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की गई। शनिवार को एसडीएम सदर राम मोहन मीणा ने महिला कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग और पुलिस अधिकारियों के साथ मदरसे का औचक निरीक्षण किया। टीम ने छात्राओं से बातचीत की, दस्तावेजों की जांच की और एडमिशन प्रक्रिया से जुड़ी फाइलें खंगालीं।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसी भी शिक्षण संस्थान में नाबालिग बच्चियों के साथ अपमानजनक या अमानवीय व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।
इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। लोगों में आक्रोश है, सोशल मीडिया पर विरोध की लहर है और हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर शिक्षा के मंदिर में ऐसी गंदी मानसिकता ने कैसे जगह बना ली।
परिजनों ने बताया कि बच्ची मानसिक रूप से बेहद आहत है और परिवार अब डर में जी रहा है। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं, महिला संगठनों और सामाजिक संस्थाओं ने इस मामले की कड़ी निंदा करते हुए मदरसे की मान्यता रद्द करने और सभी जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
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