
मुरादाबाद : जिलाधिकारी DM के आदेशों की खुलेआम अवहेलना का गंभीर मामला सामने आया है। स्कूल प्रशासन ने न केवल 20 जुलाई को घोषित अवकाश का उल्लंघन किया, बल्कि बच्चों को बिना यूनिफॉर्म के बुलाकर गलत तारीख के साथ परीक्षा आयोजित की, जिससे अभिभावकों और स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।
DM के अवकाश आदेश का उल्लंघन
जिलाधिकारी, मुरादाबाद ने कावड़ यात्रा के मद्देनजर 20 जुलाई को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया था। इसके बावजूद, ऐलिगेंट पब्लिक स्कूल ने इस आदेश की अनदेखी करते हुए बच्चों को स्कूल बुलाया और कक्षा तीसरी व चौथी की परीक्षाएं आयोजित कीं। हैरानी की बात यह है कि स्कूल ने 26 जुलाई की निर्धारित तारीख के बजाय 22 जुलाई की तारीख दर्ज करके और 21 जुलाई को परीक्षा कराकर तारीखों में हेरफेर किया, जो DM के आदेशों की अवहेलना को और गंभीर बनाता है।
प्रिंसिपल का बयान और व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश
DM के अवकाश आदेश की जानकारी मिलने पर स्कूल की प्रिंसिपल ने शिक्षकों और अभिभावकों के व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश भेजा। संदेश में कहा गया
छात्रों और अभिभावकों, ध्यान दें! DM के आदेश के अनुसार अवकाश घोषित किया गया है। इसलिए 26 जुलाई को होने वाली परीक्षा अब 22 जुलाई को आयोजित होगी। यदि कोई बच्चा इस परीक्षा में शामिल नहीं होता, तो बाद में उसकी परीक्षा नहीं ली जाएगी।
साथ ही, शिक्षकों को निर्देश दिया गया कि तीसरी और चौथी कक्षा की परीक्षा की तारीख 26 जुलाई के बजाय 22 जुलाई दर्ज की जाए। इसके अलावा, प्रिंसिपल ने 21 जुलाई को बच्चों को बुलाने संबंधी सभी मैसेज ग्रुप से डिलीट करने की बात कही, ताकि सबूत मिटाए जा सकें।
BSA के फोन पर प्रिंसिपल की सफाई
बेसिक शिक्षा अधिकारी BSA के पूछताछ के लिए फोन करने पर प्रिंसिपल ने दावा किया कि स्कूल खुला था, लेकिन केवल स्टाफ मौजूद था, बच्चे नहीं। हालांकि, BSA ने स्पष्ट किया कि उन्हें शिकायत मिली थी कि स्कूल में बच्चे बुलाए गए थे। प्रिंसिपल ने सफाई दी कि कुछ बच्चे स्कूल ड्रेस में आ गए थे, लेकिन उन्हें तुरंत घर भेज दिया गया। इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिया कि 22 जुलाई की अटेंडेंस को हटाकर कावड़ अवकाश दर्ज किया जाए, ताकि DM के आदेशों की अवहेलना को छिपाया जा सके।
BSA की कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी BSA ने त्वरित कार्रवाई करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। BSA ने कहा, हमने खंड शिक्षा अधिकारी को इस मामले की गहन जांच करने का निर्देश दिया है। जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों में रोष, उठ रहे सवाल
ऐलिगेंट पब्लिक स्कूल के इस कृत्य से अभिभावकों में भारी नाराजगी है। स्कूल प्रशासन द्वारा DM के आदेशों की अवहेलना, बच्चों को बिना यूनिफॉर्म बुलाने और तारीखों में हेरफेर करने जैसे कदमों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और स्कूल की जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं। अभिभावकों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
ऐलिगेंट पब्लिक स्कूल द्वारा DM के आदेशों की अवहेलना और तारीखों में हेरफेर का यह मामला न केवल शिक्षा विभाग की साख पर सवाल उठाता है, बल्कि स्कूल प्रशासन की गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली को भी उजागर करता है। सभी की निगाहें अब BSA की जांच और उसके परिणामों पर टिकी हैं। इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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