
Moradabad : रेलवे स्टेशन सोमवार को उस समय रणक्षेत्र में तब्दील हो गया, जब मामूली पार्किंग विवाद ने विकराल रूप ले लिया। जीआरपी थाना परिसर में रेलवे विभाग के कर्मचारियों ने जोरदार हंगामा किया और पुलिस व वकीलों पर गंभीर आरोप लगाए। हालात इतने बिगड़ गए कि स्टेशन परिसर में भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा और रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाना पड़ा।
पार्किंग विवाद से शुरू हुआ बवाल
रेलवे विभाग में कार्यरत संजय माथुर ने बताया कि वह अपने परिवार को छोड़ने मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। इसी दौरान उनका बेटा स्टेशन परिसर में वाहन खड़ा कर रहा था। आरोप है कि गाड़ी हटाने को लेकर वहां तैनात पुलिसकर्मियों से कहासुनी हो गई। संजय माथुर का कहना है कि उनके बेटे ने सवाल उठाया कि केवल उसी की गाड़ी पर कार्रवाई क्यों की जा रही है, जबकि अन्य वाहन भी वहीं खड़े थे। इसी बात को लेकर विवाद बढ़ता चला गया।
वकील व मुंशी पर बेरहमी से मारपीट का आरोप
पीड़ित का आरोप है कि विवाद के दौरान कुछ वकील भी मौके पर पहुंच गए और मारपीट शुरू हो गई। संजय माथुर ने दावा किया कि एक वकील का मुंशी हाथ में बेल्ट लेकर आया और उनके साथ सरेआम बेरहमी से पिटाई की। उनका कहना है कि उन्हें खुलेआम पीटा गया, लेकिन किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की।
जीआरपी थाने के अंदर पिटाई का आरोप
संजय माथुर ने जीआरपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन पकड़कर थाने ले जाया, जहां उनके साथ जमकर मारपीट की गई। आरोप है कि थाने के अंदर उन्हें गंभीर चोटें आईं, इसके बावजूद न तो उनका मेडिकल कराया गया और न ही कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई। पीड़ित ने कहा कि संविधान हर नागरिक को कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई का अधिकार देता है, लेकिन यहां नियम-कानून को ताक पर रख दिया गया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
पीड़ित ने बताया कि उनके पिता हृदय रोग से पीड़ित हैं। इस घटना के बाद उनकी हालत बिगड़ गई और परिवार गहरे सदमे में चला गया। संजय माथुर का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम ने उनके परिवार को मानसिक रूप से तोड़ दिया है।
पुलिस पर निष्क्रियता और मामला दबाने का आरोप
संजय माथुर का आरोप है कि पुलिस न तो उनका मेडिकल करा रही है और न ही निष्पक्ष जांच कर रही है। न जेल भेजा जा रहा है और न ही कोई स्पष्ट कार्रवाई की जा रही है, जिससे पूरे मामले को दबाने की कोशिश का संदेह गहराता जा रहा है।
योगी सरकार से न्याय की गुहार
पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की मांग करते हुए कहा कि यदि पुलिस ही थाने के अंदर आम नागरिक को पीटने लगे, तो जनता न्याय की उम्मीद किससे करेगी। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्टेशन परिसर में तनाव, भारी फोर्स तैनात
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। जीआरपी थाना, रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बताया जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान वकीलों के साथ भी मारपीट हुई है, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है। स्टेशन परिसर में यात्रियों के बीच दहशत का माहौल बना रहा।
कई सवाल खड़े करता घटनाक्रम
फिलहाल पुलिस हालात काबू में करने में जुटी है, लेकिन यह घटना पुलिस की कार्यशैली, थाने के अंदर कथित हिंसा और कानून के रखवालों की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करता है या मामला केवल हंगामे तक ही सिमट कर रह जाएगा।










