Moradabad : तहसीलों में रिश्वतखोरी का खेल, भ्रष्टाचार का साम्राज्य हावी

Moradabad : तहसीलें आज जनता की सेवा का केंद्र नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की अय्याशी का अड्डा बन चुकी हैं। यहां हर टेबल पर नोटों की गंध और हर फाइल पर रिश्वत की मुहर लग चुकी है। बिना पैसे के कोई भी काम आगे बढ़ाना अब नामुमकिन हो गया है। चरित्र प्रमाण पत्र बनवाना है तो जेब ढीली करो, हैसियत प्रमाण पत्र चाहिए तो रिश्वत की रकम तय है। किसान हो, मजदूर हो या व्यापारी हर किसी को अपनी मेहनत की कमाई पहले भ्रष्टाचारियों की जेब में डालनी पड़ रही है।

लेखपाल और सुपरवाइज़र की गठजोड़ ने इस तंत्र को माफिया तंत्र में बदल दिया है। शिकायत करने वालों की फाइलें दबा दी जाती हैं और आवाज़ उठाने वाले लोगों को चुप कराने की कोशिश की जाती है। भ्रष्टाचार का यह खेल इतना खतरनाक हो चुका है कि जनता खुद को सरकारी दफ्तरों में बंधक महसूस कर रही है।

बिलारी तहसील से आया वीडियो इस भयावह तस्वीर की सच्चाई को उजागर कर रहा है। एक किसान से खुलेआम रिश्वत मांगते लेखपाल का वीडियो वायरल होते ही जिलेभर में सनसनी मच गई। यह सिर्फ एक रिश्वत का मामला नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की सड़ांध का सबूत है।

जनता का सवाल अब और तेज हो चुका है क्या सरकारी दफ्तर अब खुलेआम बोली लगाने वाले बाजार बन गए हैं? क्या इंसाफ और सुविधा अब सिर्फ अमीरों की थाली में परोसी जाएगी? क्या मुरादाबाद की तहसीलें अब भ्रष्टाचार की गुफाओं में तब्दील हो चुकी हैं?

अगर यही हालात बने रहे तो आने वाले वक्त में जनता को अपने ही हक और अधिकार के लिए रिश्वत की दलदल में डूबना पड़ेगा। मुरादाबाद की तहसीलें अब सिर्फ भ्रष्टाचार का गढ़ नहीं, बल्कि जनता के सपनों का कब्रिस्तान बन रही हैं।

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