
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा जारी है, इस बीच राजनीति भी तेज हो गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि उन्हें रशिया के प्रेसिडेंट से मिलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में ही ऐसा होता है कि विपक्ष के नेता को विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं दिया जाता, और यह सरकार की असुरक्षा का प्रतीक है।
राहुल गांधी ने बीते गुरुवार को लोकसभा में कहा था कि नरेंद्र मोदी की सरकार में विपक्ष का यह अधिकार छीन लिया गया है कि वह विदेशी मेहमानों से मिल सकें। उन्होंने कहा कि जब कोई विदेशी मेहमान भारत आते हैं या प्रधानमंत्री मोदी विदेश जाते हैं, तो सरकार की तरफ से स्पष्ट रूप से कहा जाता है कि राहुल गांधी से मुलाकात नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह परंपरा पहले भी रही है, जब अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों में नेता प्रतिपक्ष की उनसे मुलाकात होती थी।
शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा की प्रतिक्रिया
इस पर शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “किससे मिलना है ये, रूस को तय करना होता है। ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।” इसके साथ ही, उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत करते हुए कहा, “रूस के राष्ट्रपति का सभी पार्टियों और सांसदों की ओर से स्वागत करता हूं। पुतिन की भारत यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। इस यात्रा के बाद से रूस और भारत के रिश्ते और मजबूत होंगे।”
रूस-भारत संबंधों का बढ़ता आधार
मिलिंद देवड़ा ने यह भी कहा कि रूस और भारत के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा, “पुतिन की भारत यात्रा से हमारे संबंध और भी अधिक मजबूत होंगे।”
राहुल गांधी ने अपनी बात में पुरानी परंपरा का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि विदेशी मेहमान जब भारत आते थे, तो नेता प्रतिपक्ष की मुलाकात उनसे होती थी। यह परंपरा अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों में भी निभाई जाती थी। लेकिन आज का समय है कि जब विदेशी मेहमान आएं या राहुल गांधी विदेश जाएं, तो मोदी सरकार की ओर से कहा जाता है कि नेता प्रतिपक्ष से कोई न मिले।
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