
मुरादाबाद। राजनीति का माहौल गरमा गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला कार्यालय को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अब यह भवन किसी भी हाल में सपा के पास नहीं रहेगा। आदेश जारी हो चुका है और चेतावनी भी अगर सात दिन के भीतर भवन खाली नहीं किया गया तो नगर निगम इसमें ज़बरन कब्ज़ा कर लेगा।
यह वही सपा कार्यालय है, जिसे 13 जुलाई 1994 को तत्कालीन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नाम मात्र 250 रुपये मासिक किराए पर आवंटित किया गया था। यह आवंटन पीटीसी-2 के पास, मकान संख्या-4 चक्कर की मिलक का है, जो करीब 953.71 वर्गमीटर भूमि पर फैला हुआ है। भवन नगर निगम मुरादाबाद के प्रबंधन में आता है। अब हालात बदल गए हैं। मुलायम सिंह यादव का निधन हो चुका है और सपा ने भवन का नामांतरण या कोई भी कानूनी कार्यवाही पूरी नहीं की। यही कारण है कि 1 अगस्त को प्रशासन ने इसका आवंटन निरस्त कर दिया।
इसके बाद एडीएम वित्त ममता मालवीय ने सपा जिलाध्यक्ष को नोटिस भेजते हुए स्पष्ट कहा भवन तुरंत खाली करें, वरना प्रतिदिन एक हजार रुपये हर्जाना वसूला जाएगा और साथ ही कब्ज़ा भी प्रशासन जबरन लेगा।कानून साफ है किसी भी आवासीय या व्यावसायिक भवन का आवंटन 15 साल से ज्यादा के लिए नहीं हो सकता। लेकिन यह सपा कार्यालय तीन दशक यानी 30 साल से अधिक समय तक सपा के कब्ज़े में रहा।
यही सबसे बड़ा आधार बना, जिससे आवंटन को पूरी तरह से निरस्त कर दिया गया।प्रशासन का रुख इस बार बेहद कड़ा है। अंदरखाने की खबर है कि नगर निगम को निर्देशित किया जा चुका है कि जैसे ही समयसीमा पूरी हो, भवन को तत्काल अपने कब्जे में लेकर सरकारी मुहर लगा दी जाए।
इस पूरे प्रकरण पर चर्चा तो जोरों पर है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि कोई भी बड़ा प्रशासनिक अधिकारी कैमरे पर बयान देने से बच रहा है। जिले के अफसरों ने चुप्पी साध ली है। ऐसे में राजनीतिक हलकों में हलचल और तेज हो गई है। सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक दबाव में की जा रही है।
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