
Moradabad : पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर मुरादाबाद में बुधवार को ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने पूरे प्रशासन और शासन का ध्यान खींच लिया। सैकड़ों नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में अधिवक्ता एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए और शहर को आंदोलन की तस्वीर में बदल दिया।
कलेक्ट्रेट परिसर से शुरू हुआ यह विशाल विरोध मार्च गुरहट्टी, गंज, अमरोहा गेट होते हुए गवर्नमेंट कॉलेज तक पहुंचा, जहां अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर जमकर हुंकार भरी। जुलूस के दौरान अधिवक्ताओं का जोश और आक्रोश साफ नजर आया। हाथों में बैनर-पोस्टर, जुबां पर नारे और आंखों में अपने हक की लड़ाई का संकल्प दिखाई दिया।
“हाईकोर्ट बेंच बनाओ, पश्चिम यूपी को न्याय दो” और “अधिवक्ता एकता जिंदाबाद” जैसे नारों से पूरा शहर गूंज उठा। अधिवक्ताओं के सड़क पर उतरते ही बाजार बंद हो गए, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के शटर गिर गए और कई प्रमुख मार्गों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। आम जनजीवन प्रभावित रहा, लेकिन लोगों में भी इस मांग को लेकर सहानुभूति दिखाई दी।

गवर्नमेंट कॉलेज परिसर में हुई सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश देश के सबसे अधिक आबादी और सबसे ज्यादा मुकदमों वाले क्षेत्रों में से एक है। इसके बावजूद यहां हाईकोर्ट की कोई बेंच नहीं है। न्याय के लिए लोगों को सैकड़ों किलोमीटर दूर प्रयागराज जाना पड़ता है, जिससे गरीब, किसान, मजदूर और महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान होती हैं।
अधिवक्ताओं ने इसे क्षेत्र के साथ घोर अन्याय बताते हुए तत्काल हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने साफ चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही इस मांग पर ठोस निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। आने वाले दिनों में पश्चिम यूपी के अन्य जिलों में भी उग्र आंदोलन, कार्य बहिष्कार और सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा।
अधिवक्ताओं ने कहा कि यह लड़ाई केवल वकीलों की नहीं बल्कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की करोड़ों जनता के न्याय के अधिकार की लड़ाई है।













