
Moradabad : मुरादाबाद से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ‘मजिस्ट्रेट’ लिखी एक लग्ज़री कार पर कुछ युवकों ने हाईवे पर खतरनाक अंदाज़ में रील बनाई, जिसमें दो युवक गाड़ी के बोनट पर बैठे दिखाई देते हैं और एक युवक खुलेआम सिगरेट पीता हुआ नज़र आता है। सरकारी पहचान वाली गाड़ी पर इस तरह की हरकत न सिर्फ नियमों की खुली धज्जियां उड़ाना है, बल्कि प्रशासनिक गरिमा से खिलवाड़ भी माना जा रहा है। वीडियो वायरल होते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है और मामले की जांच तेज़ कर दी गई है।
वायरल वीडियो हाईवे के किनारे शूट किया गया है। चार युवक एक काले रंग की लग्ज़री कार के साथ रील बना रहे हैं, जिस पर बड़े अक्षरों में ‘मजिस्ट्रेट’ लिखा हुआ है। गाड़ी पर फ्लैशर, हूटर और यूपी सरकार का स्टिकर लगा मिला है। गाड़ी का नंबर UP 21 DM 8746 भी वीडियो में साफ़ दिखाई देता है। वीडियो में दो युवक गाड़ी के बोनट पर चढ़कर पोज़ बनाते नज़र आते हैं, जबकि एक युवक गाड़ी के पास सिगरेट पीते हुए कैमरे में कैद है। आसपास हाईवे पर वाहनों की आवाजाही भी देखी जा सकती है, जिससे साफ़ पता चलता है कि रील के दौरान न सिर्फ युवकों ने अपनी सुरक्षा को खतरे में डाला, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी जोखिम पैदा किया।
मामला इसलिए भी अधिक गंभीर हो गया है क्योंकि जिस कार का उपयोग किया गया है, वह प्रशासन के किसी बड़े अधिकारी की होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी। एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि वायरल वीडियो की हर पहलू से जांच की जा रही है—गाड़ी वास्तव में किसकी है, युवकों को इसे उपयोग करने की अनुमति किसने दी और सरकारी पहचान का गलत प्रयोग क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि यह मामला मोटर व्हीकल एक्ट, पब्लिक प्रॉपर्टी मिसयूज़ और सड़क सुरक्षा से जुड़े कई गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई योग्य है।

पुलिस ने वीडियो में दिख रहे चारों युवकों की पहचान का प्रयास शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, जिस जगह वीडियो शूट किया गया है, वहां से गुजरने वाले लोगों ने भी इस हरकत को बेहद गैरजिम्मेदाराना बताया है। हाईवे पर रील बनाना पहले भी कई बार हादसों की वजह बन चुका है। पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां सोशल मीडिया के चक्कर में युवक स्टंट और खतरनाक वीडियो बनाते हुए पकड़े गए हैं। लेकिन इस बार मामला इसलिए और गंभीर है क्योंकि वीडियो में सरकारी ‘मजिस्ट्रेट’ की गाड़ी शामिल है, और इसका दुरुपयोग नियमों के साफ़ उल्लंघन की श्रेणी में आता है।
फिलहाल पुलिस लोकेशन, मोबाइल टावर डेटा, सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो की टेक्निकल जांच कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि वीडियो कब शूट किया गया और कार उस समय किसके पास थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि ‘मजिस्ट्रेट’ लिखी गाड़ी के गलत इस्तेमाल, सरकारी पहचान के दुरुपयोग और हाईवे पर खतरनाक तरीके से रील बनाने जैसे गंभीर मामले में पुलिस क्या सख्त कदम उठाती है।










