
Moradabad : बिलारी ब्लॉक की ग्राम पंचायत सरथल खेड़ा से एक ऐसा भ्रष्टाचार का खुलासा सामने आया है जिसने पूरे जिले के प्रशासनिक ढांचे को हिला कर रख दिया है। गांव के लोगों ने ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और विभागीय अफसरों पर 87 लाख रुपए डकारने का गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाया है।
सरकारी योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर दौड़ती रहीं, जबकि धरातल पर मिला गंदगी, टूटी सड़कें और ताले में जकड़ा शौचालय। 87 लाख का विकास जो कभी हुआ ही नहीं।
चार सालों तक “विकास” का ढोल पीटा गया, फाइलों में योजनाएं चमकती रहीं, लेकिन जब हकीकत देखने ग्राउंड पर पहुंचे तो सामने आया भ्रष्टाचार का काला चेहरा। गांव की गलियों में गंदगी का साम्राज्य, सड़कें जर्जर, नाले गंदगी से भरे और सरकारी सुविधाएं सिर्फ कागज़ों में दर्ज। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने गांव नहीं, अपने घर का विकास किया और सरकारी पैसा अपनी जेब में डाल लिया।
जन सूचना में फूटा भ्रष्टाचार का बम
गांव के ही मोनू ठाकुर ने जब आरटीआई दाखिल की तो खुलासा हुआ कि गांव में पिछले चार सालों में 87 लाख रुपए खर्च दिखाए गए हैं। लेकिन जब दस्तावेज मांगे गए तो ग्राम विकास अधिकारी और विभाग के अफसरों ने चुप्पी साध ली।
ऑफिसों के चक्कर लगाते ग्रामीणों को न जवाब मिला, न न्याय।
टूटी सड़कें, शौचालय पर ताला; नल और पार्क तक बेच दिए
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने सामुदायिक शौचालय पर ताला लटका रखा है, पार्क की ढाई बीघा जमीन और सरकारी नल तक बेच दिए।
नए नल लगाने और विकास कार्य कराने के नाम पर लाखों का खेल हुआ।
साफ है योजनाओं के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया।
गांव में गुस्सा फूटा, लोग आंदोलन को तैयार
गांव के लोग खुलकर सामने आ गए हैं। कई ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिला मुख्यालय तक आंदोलन करेंगे।
गांव में आगामी प्रधान चुनाव से पहले राजनीतिक भूचाल तेज हो गया है।
अधिकारियों की चुप्पी संदेह के घेरे में
गांव के लोगों का कहना है कि अधिकारियों को सब पता है, फिर भी सब मौन हैं।
कहीं न कहीं ग्राम प्रधान और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आई भयावह सच्चाई
हमारी टीम ने ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग की तो कैमरे में कैद हुई
टूटी सड़कें, गंदगी से लबालब नाले, सूना पार्क और ताले में बंद सरकारी शौचालय।
वह “विकास” जो कागज़ों में पूरा दिखाया गया था, जमीन पर शून्य निकला।
ग्रामीणों ने योगी सरकार से मांगा जवाब
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि जनता के पैसे का हिसाब दो और भ्रष्टाचारियों पर लोहे जैसी सख्त कार्रवाई करो।
गुस्से में उबलते ग्रामीण
बच्चन सिंह (ग्रामीण): गांव का पैसा खाकर गाड़ियां खरीदीं, गांव को बर्बाद कर दिया।
राम सिंह (ग्रामीण): कागज़ों में विकास हुआ, हकीकत में बर्बादी।
रूप सिंह (ग्रामीण): शौचालय बंद, सड़क टूटी, योजनाएं लूटीं।
मोनू ठाकुर (ग्रामीण): आरटीआई में सब सामने है, लेकिन अधिकारी सब जानते हुए भी चुप हैं।
अब बड़ा सवाल
क्या योगी सरकार लेगी एक्शन?
क्या सरथल खेड़ा में हुआ यह 87 लाख का महाघोटाला सिर्फ एक गांव की कहानी है या यह उस सिस्टम की सच्चाई है जो जनता की आंखों में धूल झोंक रहा है?
अब निगाहें सरकार पर हैं क्या कार्रवाई होगी या यह मामला फिर से फाइलों में दब जाएगा?










