हिमाचल में मानसून बना कहर, मंडी में सबसे ज्यादा तबाही

शिमला : हिमाचल प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मानसूनी बारिश का कहर रुक-रुक कर आज भी जारी है। बीती रात ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और मंडी जिलों में जमकर वर्षा हुई। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ऊना जिला के अंब में सर्वाधिक 94 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि बिलासपुर के भराड़ी में 67, बरठीं में 58, सलापड़ में 51 मिमी बारिश हुई। हमीरपुर के नादौन व मंडी के जोगिंदरनगर में भी 48-48 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।

मौसम विभाग ने आज भी राज्य के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार 23 से 25 जुलाई तक भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है, हालांकि इस दौरान कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। इसके बाद 26 से 28 जुलाई तक फिर से भारी बारिश का दौर रहेगा और राज्य के कुछ हिस्सों में फिर येलो अलर्ट रहेगा।

लगातार बारिश से मंडी जिला में हालात सबसे ज्यादा बिगड़े हुए हैं। भारी बारिश के चलते मंडी जिला के आपदा प्रभावित थुनाग व करसोग उपमंडल और सुंदरनगर उपमण्डल की निहरी तहसील में आज सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर दवाड़ा, झलोगी और शनि मंदिर के पास भारी भूस्खलन से सड़क बंद पड़ी है और सैंकड़ों वाहन व यात्री फंसे हुए हैं। छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है, लेकिन बड़े वाहन अभी भी रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

इधर, सोलन जिले के अर्की क्षेत्र में भी लगातार बारिश के चलते शालाघाट रोड पर भूस्खलन हुआ है। इससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग सड़क खोलने के प्रयास में जुटा है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मंगलवार सुबह तक प्रदेश में 3 नेशनल हाईवे और 432 सड़कें भूस्खलन से बंद पड़ी हैं। सबसे ज्यादा 260 सड़कें मंडी में बंद हैं, कुल्लू में 55, हमीरपुर में 33, सिरमौर में 32 और चंबा में 25 सड़कें प्रभावित हैं। इसके अलावा 534 बिजली ट्रांसफार्मर और 197 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं। मंडी में 201, कुल्लू में 123, हमीरपुर में 117 और सोलन में 71 ट्रांसफार्मर बंद हैं, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित है।

सतलुज नदी में भी जलस्तर काफी बढ़ गया है। शिमला जिले में नाथपा डैम से 1200 क्यूमैक्स अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है, जिससे नदी का जलस्तर और बढ़ गया। एनएचजेपीएस प्रबंधन ने स्थानीय लोगों से सतलुज नदी से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है।

इस मानसून सीजन में अब तक राज्य में 132 लोगों की मौत हो चुकी है, 223 लोग घायल और 34 लोग लापता हैं। मंडी और कांगड़ा में सबसे ज्यादा 21-21 मौतें दर्ज हुई हैं। अब तक 393 मकान, 276 दुकानें और 1007 गौशालाएं पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, जबकि 769 मकानों को आंशिक नुकसान हुआ है। करीब 1246 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान आंका गया है। मंडी में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां 936 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 365 घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं।

अब तक प्रदेश में 24 भूस्खलन, 36 फ्लैश फ्लड और 23 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। मंडी में बादल फटने की 15, फ्लैश फ्लड की 11 और भूस्खलन की 4 घटनाएं हुई हैं।

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