संसद का मानसून सत्र : दुनिया सहित पूरे विपक्ष को राजनाथ की दो टूक….किसी दबाव में नहीं बल्कि लक्ष्य पूरा होने पर रोका

-विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, परीक्षा में पेन और पेंसिल के टूटने की चिंता नहीं करनी चाहिए
-विपक्ष ने कभी पूछा नहीं दुश्मन के कितने विमान गिरे?

नई दिल्ली. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सेना के द्वारा लांच ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में महाबहस की शुरुआत कर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सेना की तीनों सेवाओं का बेमिसाल उदाहरण है, इसके तहत पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया गया। उन्होंने दुनिया सहित पूरे विपक्ष को दो टूक कहा कि ऑपरेशन सिंदूर किसी दबाव में नहीं बल्कि लक्ष्य हासिल होने के बाद रोका गया। उन्होंने फिर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है।
रक्षा मंत्री ने कहा, हमारा ये ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह सफल रहा है और सेनाओं ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने किसी दबाव में आकर ऑपरेशन सिंदूर नहीं रोका बल्कि हमने दुश्मन के हर मंसूबे पर पानी फेरा। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद युद्ध छेड़ना नहीं था बल्कि आतंकियों के ढांचों को नेस्तनाबूद करना था और मात्र 22 मिनट के ऑपरेशन में आंतकी ठिकानों को मिटटी में मिला दिया गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कहना गलत है कि किसी दबाव में ऑपरेशन सिंदूर को रोका गया था। उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बल अपने सभी उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहे और पाकिस्तान की गुहार लगाने और डीजीएमओ स्तर पर बातचीत के बाद ही ऑपरेशन रोका गया।

रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हर पहलू पर बहुत अध्ययन किया गया था, यह विकल्प चुना गया था कि आतंकवादियों और उनके ठिकानों को नुकसान पहुंचाया जाए और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति नहीं हो। रक्षा मंत्री ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

उन्होंने कहा, पाकिस्तान हमारे किसी भी ‘टारगेट’ को भेद नहीं सका और किसी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा पाया। उन्होंने विपक्ष पर चुटकी लेकर कहा कि विपक्ष ने नहीं पूछा कि दुश्मन के कितने विमान गिरे? राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष के लोग यह पूछते रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे? यह प्रश्न जनभावनाओं का सही से प्रतिनिधित्व नहीं करता? विपक्ष ने हमसे कभी नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए? उन्हें प्रश्न ही पूछना है, तब यह प्रश्न पूछें कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा, उत्तर है हां।

सदन में चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री सिंह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि परीक्षा में पेन और पेंसिल के टूटने की चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि परीक्षाफल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा, “जब लक्ष्ब बड़े हों, तब छोटे मुद्दों पर ध्यान नहीं जाना चाहिए। इससे देश की सुरक्षा, सैनिकों के सम्मान और उत्साह से ध्यान हट सकता है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के परिणाम में रिजल्ट मैटर करता है। हमें बच्चे के मार्क्स का ध्यान रखना चाहिए, इसका नहीं कि एग्जाम के दौरान उसकी पेंसिल टूट गई थी। रिजल्ट यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेनाओं ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे पूर्ण रूप से प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की है।

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