
शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून कहर बनकर टूटा है। बादलों की बेरहम बरसात से जहां जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं बादल फ़टने, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक प्रदेश में भारी तबाही मच चुकी है। हालात इतने गंभीर हैं कि सरकार को करीब 786 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान आंका गया है। राज्य में मानसून ने 20 जून को दस्तक दी थी। इस दौरान पिछले 25 दिनों में प्रदेश में अब तक वर्षा जनित हादसों में 105 लोगों की मौत हो चुकी है, 35 लोग लापता हैं और 184 लोग घायल हुए हैं।
मौतों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मंडी जिले में सबसे अधिक 21 लोगों की मौत हुई है। कांगड़ा में 17, कुल्लू में 11, चंबा में 9, जबकि हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों में 8-8 लोगों की मौत दर्ज की गई है। इस मानसून सीजन में 1046 मकान आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, 188 दुकानें और 798 गौशालाएं तबाह हो चुकी हैं। अकेले मंडी जिले में 856 मकान, 166 दुकानें और 644 गौशालाएं प्रभावित हुई हैं। 30 जून की रात मंडी में बादल फटने की 12 घटनाओं ने जिले को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया।
आपदाओं ने लोगों के आशियाने और जिंदगी ही नहीं छीनी, बल्कि कृषि और पशुपालन को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है। अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षियों और 954 अन्य पशुओं की मौत हो चुकी है। इस मानसून में अब तक बादल फटने की 22, फ्लैश फ्लड की 31 और भूस्खलन की 18 घटनाएं दर्ज की गई हैं। मंडी के अलावा कांगड़ा और कुल्लू में बाढ़ ने भी व्यापक तबाही मचाई।
प्रदेश सरकार के मुताबिक मानसून से हुए नुकसान में सबसे ज्यादा क्षति जल शक्ति विभाग को हुई है, जिसे करीब 414 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को भी लगभग 345 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है। आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहने की चेतावनी ने सरकार और आम लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में सड़कें बहने और भूस्खलन की घटनाओं से राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है।
मौसम विभाग ने आगामी 21 जुलाई तक राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। बीते 24 घंटों में शिमला जिले के जुब्बड़हट्टी में सर्वाधिक 56 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा काहू में 39 मिमी, बिलासपुर व सलापड़ में 30-30 मिमी, कसौली में 28 मिमी, धर्मपुर में 24 मिमी और कुफरी में 23 मिमी वर्षा हुई है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में बीती रात भी बारिश होती रही और मंगलवार सुबह तक मौसम बिगड़ा हुआ था।
बारिश और भूस्खलन से हिमाचल में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मंगलवार सुबह तक प्रदेश में 220 सड़कें बंद पड़ी हैं। 67 बिजली ट्रांसफार्मर और 153 पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में पड़ा है, जहां अकेले 160 सड़कें बंद, 61 ट्रांसफार्मर ठप और 133 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। कांगड़ा में भी 18 पेयजल योजनाएं काम नहीं कर पा रही हैं।