
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नया अध्यक्ष कब मिलेगा, इसको लेकर चर्चाएं तेज हैं और इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक अहम बैठक आगामी 4 से 6 जुलाई तक दिल्ली में आयोजित होने जा रही है। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत समेत शीर्ष नेतृत्व शामिल होने जा रहा है।
बैठक का उद्देश्य: वार्षिक योजना और शताब्दी वर्ष की रूपरेखा
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने स्पष्ट किया कि यह बैठक संघ की प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली योजना बैठक है, जिसमें अगले वर्ष के संघ कार्यों की रूपरेखा तय की जाती है। इस बैठक में संघ शिक्षा वर्ग के समापन के बाद संघ प्रमुख की आगामी यात्राओं पर भी चर्चा होगी।
शताब्दी वर्ष की तैयारी का रोडमैप
आरएसएस इस समय अपनी शताब्दी वर्ष (2025-26) की तैयारियों में जुटा हुआ है।
- शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम विजयादशमी 2 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर विजयादशमी 2026 तक चलेंगे।
- पूरे देश में विविध आयोजनों की रूपरेखा इस बैठक में तय की जाएगी।
प्रमुख नेता होंगे शामिल
इस तीन दिवसीय बैठक में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के साथ-साथ
- सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले
- सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, सीआर मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त, आलोक कुमार, अतुल लिमये
- सभी प्रान्त प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक और अखिल भारतीय कार्य विभागों के प्रमुख और सह प्रमुख हिस्सा लेंगे।
भाजपा अध्यक्ष को लेकर अटकलें
हालांकि संघ ने स्पष्ट किया है कि बैठक का सीधा संबंध भाजपा संगठन से नहीं है, फिर भी यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें जोरों पर हैं। सूत्रों के अनुसार, संघ की रणनीतिक दिशा और इसके प्रभाव को देखते हुए बैठक के नतीजों का भाजपा के संगठनात्मक फैसलों पर असर पड़ सकता है, खासकर अध्यक्ष पद को लेकर।
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