
बरेली : मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी द्वारा मोहम्मद शमी के बारे में दिए गए बयान से उनके गांव सहसपुर अलीनगर में आक्रोश व्याप्त है। मौलाना के इस बयान पर ग्रामीणों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें कठमुल्ला करार दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि मौलाना को शरीयत और हदीस की सही जानकारी नहीं है, और उनके इस तरह के बयान गलत हैं।
बरेली के मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी ने हाल ही में यह बयान दिया था कि मोहम्मद शमी द्वारा मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक का सेवन करना इस्लाम के खिलाफ है। उनका कहना था कि ऐसे कार्य शरीयत के विरुद्ध हैं, और इससे खिलाड़ियों को बचना चाहिए। मौलाना के इस बयान के बाद शमी के गांव सहसपुर अलीनगर में इस मुद्दे को लेकर तीव्र आक्रोश देखा जा रहा है।
शमी के समर्थन में पूरा गांव : मौलाना इस्लाम के नियम सीखें
सहसपुर अलीनगर के ग्रामीणों ने मौलाना के बयान की निंदा की और कहा कि उनके बयान का कोई आधार नहीं है। उन्होंने मौलाना को इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों और शरीयत के बारे में और गहरी जानकारी लेने की सलाह दी। ग्रामीणों का मानना है कि शमी का उद्देश्य केवल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करना है और वह ऐसे बयानों से प्रभावित नहीं होने वाले हैं।
शमी के भाई हसीब ने कहा- तुम फाइनल की तैयारी करो
मोहम्मद शमी के भाई हसीब ने भी मौलाना के बयान को नकारते हुए कहा कि शमी का ऐसे बयानबाजी से कोई लेना-देना नहीं है। हसीब ने साफ तौर पर कहा कि शमी का ध्यान पूरी तरह से क्रिकेट मैचों पर केंद्रित है। खासकर रविवार को होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड से मुकाबला होने जा रहा है, और शमी अपनी तैयारियों में व्यस्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शमी हमेशा अपने खेल पर ध्यान देते हैं और इन बेबुनियाद बयानों से वह विचलित नहीं होंगे।
मोहम्मद शमी के समर्थक और उनके गांव के लोग उनके साथ खड़े हैं और यह चाहते हैं कि इस तरह के विवादों से उनके क्रिकेट करियर पर कोई असर न पड़े। शमी अपने खेल में ध्यान केंद्रित रखकर आने वाली चुनौतियों का सामना करेंगे, और उन्हें इन बाहरी विवादों से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।